संक्षिप्त परिचय –
पश्चिम घाट से निकलने वाली ताम्रपर्णी नदी दक्षिण भारत में बहने वाली प्रमुख नदियों में से एक है. इसे ‘परूणै’ नाम से भी जानते हैं. ताम्रपर्णी नदी प्रमुख रूप से तमिलनाडु राज्य में बहती है. जिसका उद्गम तमिलनाडु में अम्बासमुद्रम के अंतर्गत अगस्त्य मलय नामक पर्वत मालाओं से होता है. इस नदी का उद्गम क्षेत्र प्राचीन काल में मद्रास राज्य के अंतर्गत आता था. यह दक्षिण भारत की एक सदानीरा नदी है, जो कि अपनी यात्रा के अंत में मन्नार की खाड़ी में गिर जाती है.
पौराणिक महत्व –
ताम्रपर्णी नदी दक्षिण भारत की प्राचीन व ऐतिहासिक नदियों में से एक है. जिसे तमिल साहित्य में ‘पोरूनाई’ नदी के नाम से जाना जाता है. वहीं पवित्र हिन्दू ग्रंथों महाभारत, विष्णुपुराण व श्रीमद्भागवत में ताम्रपाणी नदी का वर्णन देखने को मिलता है. प्राचीन कालीन मद्रास राज्य इसी नदी के तट पर बसा था. इसके अलावा सम्राट अशोक के मुख्य शिलालेखों में भी ताम्रपर्णी नदी का उल्लेख है.
प्रवाह क्षेत्र –
अगस्त्यकूदम शिखर से उतरने के बाद ताम्रपर्णी नदी मैदानी भागों में बहती हुई आगे बढ़ती है. यह नदी तमिलनाडु के तूतीकोरिन, तिरूनेलवेली आदि जिलों से होकर गुजरती है तथा अंत में तमिलनाडु में ही मन्नार की खाड़ी में समा जाती है. ताम्रपर्णी नदी किसी अन्य नदी की सहायक नदी नहीं है, बल्कि यह अपनी एकल धारा के साथ प्रवाहित होती है.