संक्षिप्त परिचय –
गंगा की प्रमुख सहायक नदियों में से एक ऋषिगंगा उत्तर भारत की एक ऐतिहासिक नदी है, जो कि उत्तराखण्ड राज्य में प्रवाहित होती है. नदी का उद्गम देश की दूसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी नंदा देवी से होता है तथा यह नदी मूलरूप से नंदा देवी पर्वतमाला के चंग बंग ग्लेशियर से निकलती है. ऋषिगंगा नदी प्रमुख रूप से उत्तराखण्ड में गढ़वाल की पहाड़ियों से बहती है.
ऐतिहासिक महत्व –
उत्तर- भारत की प्राचीन नदियों में शुमार ऋषिगंगा नदी का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है. प्राचीन ग्रंथों में इस नदी का कई जगह उल्लेख है. महाभारत के वनपर्व में ऋषिगंगा नदी का वर्णन है, जहां नदी को ‘ऋषिकुल्या’ नाम से उल्लिखित किया गया है.
प्रवाह क्षेत्र –
चार धामों में से एक पवित्र बद्रीनाथ धाम के निकट से उद्गमित होने वाली ऋषिगंगा नदी की धाराएं उत्तराखण्ड की पवित्र धरती पर ही प्रवाहित होती हैं. यह नदी अत्यन्त सीमित भूभाग में बहती है तथा ऋषिगंगा नदी का प्रवाह क्षेत्र पहाड़ी इलाकों तक ही सीमित है. गंगा से पहले यह अलकनंदा नदी में मिलती है. देवप्रयाग में जब अलकनंदा व भागीरथी नदी का संगम होता है तो इसके साथ ही ऋषिगंगा नदी भी गंगा में समाहित हो जाती है. यहीं पर इस नदी के पावन सफ़र का भी अंत हो जाता है.