सदानीरा रही गोमती हजारों वर्षों से अनेकों संस्कृतियों को सहेज रही है, कईं सभ्यताओं को पनपने में अपनी भूमिका प्रदान कर चुकी है, अनगिनत पौराणिक मान्यताओं ने इसके पवित्र तटों पर विश्राम ग्रहण किया है तथा बेहिसाब जलचर, दुर्लभ वनस्पतियां व वन्य जीवन गोमती पर निर्भर हैं। गोमती अपने आप में अनूठी नदी है, जो बरसाती होने के बावजूद भी अपने आप को भूजल द्वारा रिचार्ज करने की क्षमता में माहिर रही है।
आज वही पतित पावनी गोमती प्रदूषण, अतिक्रमण, भूजल स्तर के घटने से संकुचित होती जा रही है, ग्रामीण अंचल के साथ ही शहरी इलाकों में यह अत्याधिक प्रदूषण झेल रही है। गोमती के संरक्षण को लेकर गोमती सेवा समाज निरंतर प्रयासरत रहा है, गोमती यात्रा के जरिये घाटों के सौंदर्यीकरण, स्वच्छता, पौधारोपण, संदेश बोर्ड, विचारगोष्ठी आदि के जरिये समाज को जागरूक करने का कार्य गोमती सेवा समाज के सदस्य कर रहे हैं।
ऐसा ही कुछ क्रिसमस डे पर देखने को मिला, जहां मोहम्मदी क्षेत्र की ग्राम पंचायत मियांपुर कॉलोनी के पास स्थित विवेकानंद घाट (इमलियाघाट) पर नन्हें हाथों ने नदी को स्वच्छ बनाने का जिम्मा उठाया। प्रकृति -पर्यावरण के प्रति लोगों में अलख जाने के उद्देश्य से टीम गोमती सेवा समाज ने विवेकानंद घाट (इमलियाघाट) पर विभिन्न विद्यालय के बच्चों के साथ साफ -सफाई अभियान चलाया। आदिगंगा गोमती लखनऊ सहित क्षेत्र की लाइफलाइन कही जाती है, विडंबना है कि यह सदैव से लोगों व सरकार एवं सरकारी तंत्र की उपेक्षा का शिकार रही है। क्रिसमस डे के अवसर पर गोमती संरक्षण अभियान के अन्तर्गत गोमती सेवा समाज की ओर से सर्वप्रथम घाट पर सफाई अभियान चलाया गया।
इस अवसर पर टीम गोमती की ओर से टीम के अध्यक्ष व कवि प्रशांत मिश्रा, उपसचिव व फिल्ममेकर पत्रकार बक्शीश सिंह, टीम संयोजक व पत्रकार फिल्ममेकर ओपी मौर्य, वरिष्ठ सदस्य अनूप वाजपेयी आदि के साथ स्कूल के छात्र छात्राएं भी उपस्थित रहे और गोमती को स्वच्छ व अविरल बनाने का संकल्प लिया।
बताते चलें कि पूर्व में कार्तिक पूर्णिमा के पावन मौके पर मेले का आयोजन वर्षों से हो रहा है, जिसमें लोग घाट पर अत्याधिक कूड़ा करकट फेंक जाते हैं। साफ सफाई अभियान के बाद घाट पर पूर्व में रोपित पौधों का निरीक्षण भी गोमती सेवा समाज के द्वारा किया गया।