दूषित पानी का जहर सिर्फ मनुष्यों को ही बीमार नहीं कर रहा बल्कि अब जानवर भी इसके शिकार हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चिनहट औद्योगिक इलाके के नाले के पानी से भैंसों की मौत का मामला सामने आया है. लखनऊ में फैजाबाद रोड और देवां रोड के बीच में चिनहट औद्योगिक क्षेत्र है, जिसमें टेल्को सहित अन्य कई फैक्ट्रियां हैं. इन फैक्ट्रियों से निकलने वाला दूषित पानी नाले में बहता है. इसी पानी से 25 भैसों की मौत हो गई.
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण की निगरानी में चिनहट प्रशासन ने फैक्ट्री का जायजा लिया और पाया कि फैक्ट्रियां कीटनाशक का इस्तेमाल सही मानदंडों पर नहीं कर रही हैं. इसके बाद प्रशासन ने कीटनाशक बनाने वाली कंपनी (आईपीएल) के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उसे सील कर दिया.
बता दें कि ग्रामीण रमाकांत की शिकायत पर चिनहट पुलिस ने इंडिया पेस्टिसाइड्स लिमिटेड के मालिक विशाल स्वरूप अग्रवाल के खिलाफ केस दर्ज किया था. भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान ने जांच के लिए गोमती नदी से पानी के नमूने लिये हैं.
फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी और धुआं इस क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिए आफत बना हुआ है, इससे लोग चर्म रोगों के साथ एलर्जी व अन्य बीमारियों के चपेट में आ रहे हैं. फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित पानी से हानिकारक और बदबूदार गैसें निकलती हैं. इसके कारण क्षेत्र में मच्छरों का आतंक भी बढ़ता जाता है. पूरे शहर और आस पास के लोगों के लिए मुसीबत बन गया है. फैक्ट्री से निकलने वाला ये केमिकल मानव समाज के साथ-साथ जानवरों के लिए भी परेशानी का सबब बनता जा रहा है.
यह प्रदूषित पानी जंगली जानवरों के लिये बड़ा खतरा बनता जा रहा है. वन क्षेत्र में बहने वाले इन नालों में जानवर पानी पीने आते हैं. साथ ही यह पानी आस-पास के खेतों में भी जाता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि फैक्ट्रियों के सीवर के पानी के साथ ही केमिकल वाला गंदा पानी छोड़ा जाता है. जो पानी प्यासे जानवरों की मौत का कारण भी बन सकता है.