संक्षिप्त परिचय –
उत्तर- भारत में बहने वाली नदियों में से एक बाणगंगा नदी राजस्थान की एक प्रमुख नदी है, जो कि राजस्थान से लेकर उत्तर- प्रदेश राज्य तक फैली हुई है. नदी का उद्गम राजस्थान के जयपुर जिले में बैराठ की पहाड़ियों से होता है. बाणगंगा नदी भारत की एकमात्र ऐसी नदी है, जिसकी कोई सहायक नदी नहीं है अर्थात् बाणगंगा नदी के मार्ग में कोई अन्य नदी इससे आकर नहीं मिलती. इस नदी को ‘अर्जुन की गंगा’ के नाम से भी जाना जाता है. बाणगंगा स्वयं यमुना नदी की सहायक नदी है, जिसका उत्तर- प्रदेश में यमुना की जलधारा में विलय हो जाता है.
प्रवाह क्षेत्र –
बाणगंगा नदी राजस्थान व उ.प्र. राज्य के बीच लगभग 380 कि.मी. की यात्रा तय करती है. बैराठ की पर्वतमालाओं से उतरने के बाद बाणगंगा नदी राजस्थान के जयपुर, भरतपुर, सवाईमाधोपुर, दौसा आदि प्रमुख जिलों में प्रवाहित होती है. जहां से यह उ.प्र. की सीमा में प्रवेश करती है. उत्तर- प्रदेश में बाणगंगा नदी फतेहाबाद, रामगढ़, आगरा आदि जिलों में बहते हुए अंत में यमुना नदी में मिल जाती है. इसी के साथ बाणगंगा नदी की एकल यात्रा समाप्त हो जाती है.
प्रमुख बांध व पार्क –
उत्तर- प्रदेश के रामगढ़ जिले में बाणगंगा नदी पर बांध बना हुआ है, जिसे रामगढ़ बांध के नाम से जानते हैं. जो कि विद्युत उत्पादन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. वहीं भरतपुर में बना ‘घना पक्षी अभ्यारण्य’ भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है.