पानी की कहानी
  • होम
  • जानें
  • रिसर्च
  • संपर्क करें

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय

  • By
  • पानी की कहानी
  • November-14-2020

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

“राम”...मात्र दो शब्दों और एक मात्रा के संयोजन से बना एक शब्द है, लेकिन इस छोटे से शब्द में सार्थक जीवन जीने का प्रत्येक सूत्र छिपा हुआ है. अब आप सभी सोचेंगे कि जी तो रहे हैं, इसमें क्या नयी बात है? सच भी है हजारों मुश्किलों को अपने माथे की लकीरों में छिपाए, तनाव-चिंता के नाम पर रातों की नींद और दिन का सुकून खो कर, अपने पर या अपनों पर खीज निकालते हुए, टेंशन से मुक्ति के नाम पर “दो पैग मार और सब भूल जा” वाली तर्ज पर हम सभी जी तो रहे ही हैं ना ये आपाधापी से भरा जीवन.

मेरी नजर में इसे जीवन जीना तो नहीं पर जीवन काटना जरुर कह सकते हैं और इसी भागमभाग से हमें निजात दिलाने का नाम है “राम”. वेदों के अनुसार त्रेतायुग में सूर्यवंशी राजा दशरथ के घर जन्में श्री राम का समस्त जीवन अपने आप में एक दर्शन है, एक सिद्धांत है, जिसका यदि कुछ प्रतिशत अंश भी हमारे जीवन में घुल जाए तो वास्तव में जीने के मायने ही बदल जायेंगे.

राम सत्य की पराकाष्ठा हैं, कुछ तो विशेष है इस नाम में तभी गाँधी जी ने मृत्यु से पहले “हे राम” उच्चारित किया था. आज जरुरी है कि उद्धरणों के जरिये समझा जाये कि युगपुरुष श्री राम के जीवन के वो कौन से गुण हैं, जिनकी कमी के चलते हमारा जीवन मूल्यविहीन हो रहा है. इस गुणों को जानना होगा, परखना होगा, आत्मबोध कर अपनाना होगा ताकि जीवन का हर क्षण पर्व की तरह मनाया जा सके.

1. अपने अभिभावकों का मान-सम्मान

ऐसे थे श्री राम – अपने पिता राजा दशरथ के वचन की रक्षा और माता कैकयी के कहने पर राजकुमार का जीवन त्याग कर राम अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ वनवास पर चले गए. अपने माता पिता और वरिष्ठ जनों के आदर सम्मान का भाव श्री राम के चरित्र का वह सबसे बड़ा गुण है, जिसने उन्हें श्रेष्ठ पुत्र के रूप में प्रतिष्ठित किया.  

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-  

और क्या हो गये हैं हम – आज अपने स्वार्थ, लोभ और आकांशाओं की पूर्ति के लिए हम अपने ही पालनहारों को खुद से दूर कर रहे हैं. यकीन मानिये हम आज इतने सेल्फसेंटर्ड हो गए हैं कि माता-पिता के किये गए त्याग और संघर्ष को भूलकर केवल अपने भविष्य को सुनहरा बनाने में लगे हैं. महानगरों में अकेले रहने वाले बुजुर्गों और वृद्धाश्रमों का बढ़ता आंकड़ा इसका जीता जगता उदहारण है.

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

तो इस दिवाली भगवान राम के अभिभावक प्रेम के गुण को आत्मसात करें, प्रयास करें कि आपके माता-पिता आपके साथ रह सकें. अपने अति व्यस्त शेड्यूल से अधिक से अधिक समय उनके साथ बिताएं, उनकी परवाह करें..ताकि आपके बच्चे भी इस नैतिक दायित्त्व से सरोकार कर सकें.

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

2. सतचरित्र अथवा चरित्र की पवित्रता  

ऐसे थे श्री राम – त्रेतायुग, जिसमें भगवान राम का जन्म और परवरिश हुयी, यह वह समय था जब बहुविवाह प्रथा का चलन था. किन्तु उस दौर में भी श्री राम ने पत्नी सीता के अतिरिक्त किसी अन्य स्त्री की कल्पना भी नहीं की. चरित्र की इसी पवित्रता के कारण उन्हें आज तक मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के नाम से पूजा जाता है.   

और क्या हो गए हैं हम – आज अपने आस पास नजर दौड़ाएं तो आप पाएंगे कि समाज में लोगों के चरित्र का हनन तेजी से हो रहा है, जिसके चलते महिलाओं के प्रति आपराधिक ग्राफ बढ़ा है. बात उन्नाव की हो, कठुआ की या महानगर दिल्ली की..परिस्थितियां प्रति क्षण विकट होती जा रही हैं. यहां तक कि अवैध संबंधों के चलते हो रहे अपराधों में बढ़ोतरी दर्शाती है कि आज व्यक्ति के मनोभाव कितने दूषित हो गए हैं.

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

तो क्यों ना अपने जीवन को स्वच्छ और चरित्र को प्रकाशवान बनाने का संकल्प लेते हुए महिलाओं का सम्मान, चारित्रिक सुदृढ़ता जैसे आदर्शों को अपने जीवन में शामिल कर इस दीपावली प्रभु श्री राम के मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरुप के गुण को अपने जीवन में साध लें.

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

3. मित्रों के लिए सदा समर्पित

ऐसे थे श्री राम – मित्रता के निस्वार्थ रिश्ते को कैसे निभाया जाता है, इसकी जैसी सीख हमें राम से मिलती है, वैसी अन्यत्र कहीं नहीं. श्री राम ने हनुमान, सुग्रीव, जामवंत, नल-नील, विभीषण सभी से की गयी मित्रता को हृदय से निभाया. सुग्रीव को राज्य दिलाने के लिए छल से की गयी बालि की हत्या के पाप को भी उन्होंने अपने सर-माथे लिया, जो केवल एक सच्चा मित्र ही कर सकता है.      

और क्या हो गये हैं हम – श्री राम के समय में फ्रेंडशिप डे का प्रचलन नहीं था और ना ही हाथों में दोस्ती का कोई धागा बांधा जाता था, फिर भी मित्रता प्रगाढ़ हुआ करती थी और आज मित्रता के नाम पर मात्र दिखावा रह गया है. आज दोस्ती की रुपरेखा ही स्वार्थ, दिखावे और अहम पर बनती है, जिसके बिगड़ने की समय सीमा भी पहले ही निश्चित कर दी जाती है.

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

मित्रता सभी रिश्तों से बढ़कर है, जिसे स्वार्थ, लोभ, लालच और दिखावे जैसे अवगुणों में बांधा नहीं जा सकता है. तो इस पवित्र रिश्ते से अपने जीवन को महकाने के लिए भगवान राम के सखा स्वरूप को जानें और उनके इस गुण से संवारें स्वयं को.

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

4. प्रभु श्री राम का रामराज्य

ऐसे थे श्री राम – रामराज्य, जिसकी संकल्पना स्वयं महात्मा गाँधी ने की थी और आज भी लोग इसकी प्रासंगिकता को मानते हैं. एक ऐसा राज्य जहां प्रजा का पालन संतान के सामान हो, धर्म और न्याय के आधार पर शासन किया जाये और उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान करते हुए उनका उपयोग किया जाये...ऐसा था श्री राम का राज्य, जहां शेर और बकरी एक घाट से पानी पिया करते थे. राजा राम विद्वान, संयमी, कुशल वक्ता और बुद्धिमत्ता से प्रजा का पालन किया करते थे.

और क्या हो गए हैं हम – वर्तमान समय में शासन मात्र सत्ता हथियाने के उद्देश्य से किया जा रहा है. आज नेताओं के बोल तो बड़े हैं पर कर्मनिष्ठता गायब है. अब शासन की सबसे बड़ी विशेषता है कि धनी-निर्धनों के मध्य बड़ी खाई है, प्राकृतिक संसाधन विनाश की कगार पर है और उनका असमान व असंगत वितरण खुले आम किया जा रहा है, नेता चुनाव के पहले रोज हाथ जोड़े खड़े दिखते हैं और चुनाव जीतते ही ईद का चाँद हो जाते हैं, राजनीति में आदर्श और सिद्धांत जैसे वाक्यों के लिए तो स्थान ही नहीं बचा है.

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

यह दिवाली एक अच्छा अवसर है, जब आप प्रभु राम के रामराज्य का यह गुण अपने जीवन में लाते हुए स्वयं से वादा करें कि लोकतंत्र की सार्थकता के लिए आप हरसंभव प्रयास करेंगे. काबिलियत के आधार पर अपने प्रतिनिधि को चुनेंगे, किसी भी नेता अथवा दल का समर्थन समय, काल, परिस्थिति और बौद्धिकता के आधार पर करेंगे ना कि भेड़चाल का हिस्सा बनते हुए.

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

5. जीवों के प्रति अद्भुत प्रेमभाव

ऐसे थे श्री राम – माता सीता को रावण की कैद से आजाद कराने में श्री राम के साथ समस्त वानर सेना खड़ी थी, यहां तक कि माता सीता को रावण से बचाने के सर्वप्रथम प्रयास करने वाला भी एक पक्षी यानि जटायु था. कहा यह भी जाता है कि जब रामसेतु बनाया जा रहा था, तो उसमें योगदान देने के लिए अनगिनत पशु-पक्षी सम्मिलित हो गए थे. हनुमान, सुग्रीव जहां वानर समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो जामवंत रीछ समुदाय का...कह सकते हैं कि राम सबके थे, उन्होंने पशु-पक्षियों के लिए जो प्रेम और दया का भाव रखा, उसी ने उन्हें दीनदयाल बनाया.

ऐसे हो गए हैं हम – राम के ही देश में जन्में हम सभी आज जीवों के प्रति संवेदनाएं खोते जा रहे हैं. हाल ही में आई एक खबर के अनुसार बिहार में एक नील गाय को जिंदा दफना दिया क्योंकि ग्रामीण लोगों के अनुसार नील गाय उनकी खेती नष्ट कर रही हैं. सोचिये क्या इससे बचाव के लिए मात्र यही एक तरीका होगा? कूड़ा-कचरा खाकर गाय मर रही हैं, वनों को काट देने से पशु-पक्षी निराश्रय हो गए हैं, पक्षी नेटवर्क टावर्स के रेडिएशन के कारण दिशा भ्रमित होकर दम तोड़ रहे हैं और हम 4जी को 8जी में कन्वर्ट करने की तकनीक लाने पर विचार कर रहे हैं. जानवरों को टॉर्चर करने वाले वीडियोज की तो कोई गिनती ही नहीं है, क्योंकि हमारी मानवीयता धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है.

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

अपनी मानवता, संवेदनशीलता और दया भाव को मरने ना दें, जब बच्चे किसी मासूम जानवर को तंग करें या मारें तो तुरंत उन्हें रोके क्योंकि यह देश जीवों पर दया करने के संस्कार देता है. अब आपकी जिम्मेदारी है उन संस्कारों व गुणों को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने की.

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

6. सहनशीलता और धैर्य का गुण

ऐसे थे श्री राम – एक राजकुमार होते हुए भी वनवासियों के समान जीवन जीना, समुद्रसेतु बनाने के लिए तप करना, वनवास की आज्ञा के बाद भी माता कैकयी सर्वाधिक मान देना, सीता को त्याग देने के बाद भी राजा होते हुए सन्यासियों सा जीवन जीना आदि प्रभु राम के जीवन के ऐसे प्रेरक प्रसंग हैं, जो उनकी अपार सहनशीलता का परिचय हमसे कराते हैं.

ऐसे हो गए हैं हम – आज विश्व बारूद के ढेर पर बैठा है, जिसके मूल में कहीं न कहीं वह असहनशीलता पसरी है, जिसने हमें हमारे ही जैसे लोगों का प्रतिद्वंदी बना दिया. अणु-परमाणु तो फिर भी दूर की बात हैं साहब यहां तो हमारे व्यवहार भी विस्फोटक हो गए हैं. सड़क पर गलती से एक वाहन दूसरे को जरा छु भी जाये तो लोगों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है, माताओं-बहनों का सबसे अधिक नाम लिया जाना भी इस तरह के वाक् युद्धों में जगजाहिर है. सडकों की कहानी के विपरीत परिवारों का रुख करें तो चाय के कप से उठा राई सा मुद्दा कब पहाड़ बनकर फैमिली कोर्ट पहुंच जाये, कोई नहीं जानता.

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

परिवार हो या आपका आचार-विचार, यदि आप में सहनशीलता नहीं है तो आपका जीवन सफल नहीं माना जा सकता है. इस दिवाली घर की साफ़-सफाई के साथ साथ अपने मन-मस्तिष्क को भी स्वच्छ कीजिये और श्री राम के धैर्य रूपी गुण को धारण कीजिये.

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

7. समाज के हर वर्ग को दिया सम्मान

ऐसे थे श्री राम – अपने समय के सबसे बड़े साम्राज्य में जन्में, रघुकुल जैसे प्रतिष्ठित कुल से जुड़े और प्रजा के परम प्रिय राजा राम अपने देवत्व के कारण नहीं अपितु उस कल्याणकारी विचारधारा के लिए जाने जाते हैं, जिसमें सभी के लिए सद्भावना और समभाव था. श्री राम को जितना स्नेह अपने भाई लक्ष्मण से था, उतना ही मल्लाह केवट से...माँ कौशल्या के हाथों से खाने में वह जितना आनंदित होते थे, उतना ही स्वाद उन्हें भीलनी शबरी के झूठे बेरों में आया. यानि राम के जीवन का अध्ययन करें तो पाएंगे उन्होंने सभी को समदृष्टि से देखा, सम्मान दिया. वनवासियों, आदिवासियों सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाले श्री राम आज भी भारत के अलावा लाओस, मलेशिया, कंबोडिया, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, नेपाल, बाली, जावा, थाईलैंड, सुमात्रा जैसे देशों की लोक-संस्कृति का हिस्सा हैं.   

ऐसे हो गए हैं हम – भेदभाव, छुआछूत, जातिवाद, संप्रदायवाद...पता नहीं कब हम भारतवासियों के जीवन में इन विकृतियों का घुन लग गया. हमारी नजरों में अब समता नहीं है, विषमताएं हैं, जिसका लाभ राजनीतिज्ञ खूब उठा रहे हैं. यह बेहद दुखद है कि हम एक ऐसे समाज का हिस्सा हैं, जिसमें जन्म लेते ही हमारा धर्म, कर्म, जाति, वर्ग सब कुछ सुनिश्चित कर दिया जाता है. कहां उठ-बैठ होनी चाहिए, कहां खाना-पीना करना चाहिए, रिश्ते बराबरी में जोड़ने चाहिए..सब कुछ पूर्व निर्धारित क्रम में चलता रहता है.

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

तो चलिए इस बार कतार से बाहर निकल ही जाते हैं, श्री राम की तरह हर समाज को साथ लेकर चलने की कोशिश करते हैं. दिवाली को इतना रोशन कर देते हैं कि आने वाली ईद तक जगमगाहट रहे और ईद की मिठास इस कदर बढ़ा देते हैं कि अगली दिवाली तक लज्जत बरक़रार रहे. एकजुटता क्या नहीं कर सकती?

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

दिवाली श्री राम के वनवास से वापस अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाई गयी थी, पर आज हम सभी के जीवन से श्री राम दूर होते जा रहे हैं. एक गहरा अंधकार आज हम सभी के जीवन में है, जिसे हम नकली एलईडी लाइट्स की रोशनी से कुछ देर के लिए ढक तो सकते हैं लेकिन समाप्त नहीं कर सकते. तो इस दिवाली संकल्प लीजिये कि श्री राम के कुछ गुणों को आप भी अपने जीवन में धारण करेंगे और उनके आदर्शों से प्रकाशवान होंगे. इन्हीं शुभकामनाओं के साथ आप सभी को बैलटबॉक्सइंडिया परिवार की ओर से रोशनी के इस महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं.        

रामलखन गौतम-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय-

क्षेत्र की आम समस्याएँ एवं सुझाव दर्ज़ करवाएं.

क्षेत्र की आम समस्याएँ एवं सुझाव दर्ज़ करवाएं.

नमस्कार, मैं रामलखन गौतम आपके क्षेत्र का प्रतिनिधि बोल रहा हूँ. मैं क्षेत्र की आम समस्याओं के समाधान के लिए आपके साथ मिल कर कार्य करने को तत्पर हूँ, चाहे वो हो क्षेत्र में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, समानता, प्रशासन इत्यादि से जुड़े मुद्दे या कोई सुझाव जिसे आप साझा करना चाहें. आप मेरे जन सुनवाई पोर्टल पर जा कर ऑनलाइन भेज सकते हैं. अपनी समस्या या सुझाव दर्ज़ करने के लिए क्लिक करें - जन सुनवाई.

हमसे ईमेल या मैसेज द्वारा सीधे संपर्क करें.

क्या यह आपके लिए प्रासंगिक है? मेसेज छोड़ें.

कमेंट्स

  • Jayprakash yadav
  • Nov. 25, 2020, 6:44 p.m.

Happy Diwali

More

पानी की कहानी - ग्लेशियर पर बढ़ते दबाव से कांपती है धरती, दरकते हैं पहाड़ और नदियों का वेग होता है एकाएक तीव्र

पानी की कहानी - ग्लेशियर पर बढ़ते दबाव से कांपती है धरती, दरकते हैं पहाड़ और नदियों का वेग होता है एकाएक तीव्र

हिमालय पर्वत, जिसे लूज रॉक की संज्ञा भी दी जा सकती है, एक ऊंची ढाल का सेडिमेंट्री पहाड़ है। यानि ग्लेशियर पर बढ़ता दबाव हिमालयी क्षेत्र में छो...

पानी की कहानी - जल प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं से मिलेगी गुरुग्राम वासियों को राहत, भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ की सार्थक पहल

पानी की कहानी - जल प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं से मिलेगी गुरुग्राम वासियों को राहत, भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ की सार्थक पहल

भारतीय जनता पार्टी बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ गुरुग्राम के ज़िला संयोजक, श्री अमर झा ने दिनांक 26/07/2022 को गुरुग्राम ज़िले के जल प्रबंधन, भूजल में ...

पानी की कहानी - छोटी नदियों और उनके इकोसिस्टम को मरने के लिए छोड़ दिया तो गंगा में जल कहां से आएगा? - डॉ वेंकटेश दत्ता

पानी की कहानी - छोटी नदियों और उनके इकोसिस्टम को मरने के लिए छोड़ दिया तो गंगा में जल कहां से आएगा? - डॉ वेंकटेश दत्ता

हम सभी अलग अलग गांवों से आते हैं, जहां ताल-तलैया, छोटी छोटी नदियां आदि हुआ करती थी। अकेले लखनऊ में ही पाँच नदियां हैं, जिनमें गोमती, कुकरैल,...

पानी की कहानी - असम की बाढ़, कारण और निवारण के बीच फंसे लोग

पानी की कहानी - असम की बाढ़, कारण और निवारण के बीच फंसे लोग

असम में बाढ़ कोई नई घटना नहीं है। किन्तु मानसून के पहले ही चरण में बाढ़ का इतना ज्यादा टिक जाना और इसके लिए सरकार के मुखिया द्वारा लोगों पर दो...

पानी की कहानी - केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट, कर्नाटक का कोलार जिला कर रहा सर्वाधिक भूजल दोहन

पानी की कहानी - केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट, कर्नाटक का कोलार जिला कर रहा सर्वाधिक भूजल दोहन

"बिन पानी सब सून", कहावत के बार बार सुनने के बाद भी हम मनुष्य उस पर गंभीरता से विचार नहीं करते हैं। बीते कुछ वर्षों में जिस तरह देश के विभिन...

पानी की कहानी - वैश्विक तापमान में वृद्धि और मौसम में लगातार परिवर्तन, क्या दो बूंद गंगाजल के लिए तरसता रह जाएगा सागर?

पानी की कहानी - वैश्विक तापमान में वृद्धि और मौसम में लगातार परिवर्तन, क्या दो बूंद गंगाजल के लिए तरसता रह जाएगा सागर?

(वैश्विक तापमान में वृद्धि और इसके परिणामस्वरूप मौसमी परिवर्तन। निःसंदेह, वृद्धि और परिवर्तन के कारण स्थानीय भी हैं, किंतु राजसत्ता अभी भी ऐ...

Flood Control Plan for Gurugram (2020-21) by Department of Revenue & Disaster Management

Flood Control Plan for Gurugram (2020-21) by Department of Revenue & Disaster Management

The country's cyber city Gurugram suffers huge losses every year due to flash floods when it rains. The city has gained international fame i...

पानी की कहानी - वर्ल्ड वाटर डे विशेष : भूजल संरक्षण है आवश्यक

पानी की कहानी - वर्ल्ड वाटर डे विशेष : भूजल संरक्षण है आवश्यक

वर्तमान समय में प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ता दबाव हमारे प्राकृतिक जल स्त्रोतों के लिए खतरा बनता जा रहा है। नीर फाउंडेशन के निदेशक व संस्थापक न...

पानी की कहानी - गंगा में रोजाना डंप किया जा रहा है 280 करोड़ लीटर अपशिष्ट, नियमों का उल्लंघन कर रही 190 औद्योगिक इकाइयों को केंद्र सरकार ने किया बंद

पानी की कहानी - गंगा में रोजाना डंप किया जा रहा है 280 करोड़ लीटर अपशिष्ट, नियमों का उल्लंघन कर रही 190 औद्योगिक इकाइयों को केंद्र सरकार ने किया बंद

गंगा नदी प्रदूषण में इजाफा कर रहे 180 उद्योगों पर सोमवार 21 मार्च को केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है। गंगा को प्रदूषित कर रहे पांच राज्यों के ...

आदि बद्रीबांध निर्माण को लेकर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में हुआ समझौता - सरस्वती को मिलेगा पुनर्जीवन

आदि बद्रीबांध निर्माण को लेकर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में हुआ समझौता - सरस्वती को मिलेगा पुनर्जीवन

वैदिककालीन साहित्य में परम पवित्र नदी के रूप में जानी जाने वाली सरस्वती नदी भारत की उन पौराणिक नदियों में से एक है, जिनके किनारे रहकर ऋषियों...

Raman River Rejuvenation Model

Raman River Rejuvenation Model

Raman River Rejuvenation Model WHY NEED THIS MODEL?The existence of small and rainy rivers in India is nearing its end. The new generation h...

पानी की कहानी - क्रिसमस डे के मौके पर मोहम्मदी क्षेत्र में विवेकानंद घाट पर चलाया गया स्वच्छता अभियान

पानी की कहानी - क्रिसमस डे के मौके पर मोहम्मदी क्षेत्र में विवेकानंद घाट पर चलाया गया स्वच्छता अभियान

सदानीरा रही गोमती हजारों वर्षों से अनेकों संस्कृतियों को सहेज रही है, कईं सभ्यताओं को पनपने में अपनी भूमिका प्रदान कर चुकी है, अनगिनत पौराणि...

हसदेव अरण्य कोयला खनन - उद्योग, आर्थिक विकास आवश्यक लेकिन क्या जीवनदायक जंगल, साफ पानी, ताजी हवा जरूरी नहीं

हसदेव अरण्य कोयला खनन - उद्योग, आर्थिक विकास आवश्यक लेकिन क्या जीवनदायक जंगल, साफ पानी, ताजी हवा जरूरी नहीं

"जब आखिरी पेड़ कट जाएगा, जब आखिरी नदी के पानी में जहर घुल जाएगा और जब आखिरी मछली का भी शिकार हो जाएगा, तभी इनसान को एहसास होगा कि वह पैसे नह...

पानी की कहानी - नीम नदी को पुनर्जीवन देने के भागीरथ प्रयास हुए शुरू

पानी की कहानी - नीम नदी को पुनर्जीवन देने के भागीरथ प्रयास हुए शुरू

नीम नदी को उसके उद्गम स्थल पर पुनर्जीवित करने के पुनीत कार्य का बीड़ा नीर फाउंडेशन ने उठाया है और प्रकृति व पर्यावरण की अनूठी धरोहर नदियों ओ ...

पानी की कहानी - नर्मदा निर्मलता से जुड़े कुछ विचारणीय सुझाव

पानी की कहानी - नर्मदा निर्मलता से जुड़े कुछ विचारणीय सुझाव

नीति पहले, कार्ययोजना बाद मेंकिसी भी कार्ययोजना के निर्माण से पहले नीति बनानी चाहिए। नीतिगत तथ्य, एक तरह से स्पष्ट मार्गदर्शी सिद्धांत होते ...

पानी की कहानी - हिंडन नदी : एक परिचय

पानी की कहानी - हिंडन नदी : एक परिचय

कालुवाला खोल अर्थात हिण्डन नदी सहारनपुर जनपद में शिवालिक की पहाडियो कालुवाला पास से प्रारम्भ होती है । यह बरसाती नदी है । इसमे छोटी अन्य सहा...

Exhibition and Workshop on Urban Water System in Gurgaon: Pathways to Sustainable Transformation

Exhibition and Workshop on Urban Water System in Gurgaon: Pathways to Sustainable Transformation Event

As we all knows that big cities change rapidly, people moving into them can struggle for access to basic services like clean water and san...

नेशनल वाटर कांफ्रेंस एवं "रजत की बूँदें" नेशनल अवार्ड ऑनलाइन वेबिनार 26 जुलाई 2020

नेशनल वाटर कांफ्रेंस एवं "रजत की बूँदें" नेशनल अवार्ड ऑनलाइन वेबिनार 26 जुलाई 2020 Event

Enter the Article Here...

पानी की कहानी - लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए जारी है यमुना नदी से अवैध खनन

पानी की कहानी - लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए जारी है यमुना नदी से अवैध खनन

जहां एक ओर कोरोना और लॉक डाउन के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त सा हो गया है और लोगों के सामने स्वस्थ रहते हुए आजीविका चलाना सबसे बड़ी वरीयता बनकर र...

Acute Encephalitis Syndrome Reduction through Promotion of Environmental Sanitation and Safe Drinking Water Practices

Acute Encephalitis Syndrome Reduction through Promotion of Environmental Sanitation and Safe Drinking Water Practices

Abstract: Water management and safe sanitation play an important role in controlling vector borne diseases in the tropical countries like...

पचनदा बांध परियोजना - डैम प्रोजेक्ट पूरा होने से बीहड़ांचल को मिलेगा धार्मिक महत्त्व, बनेगा पर्यटन केंद्र

पचनदा बांध परियोजना - डैम प्रोजेक्ट पूरा होने से बीहड़ांचल को मिलेगा धार्मिक महत्त्व, बनेगा पर्यटन केंद्र

भारत में नदियों का धार्मिक महत्त्व किसी से छिपा नहीं है, युगों से नदियों किनारे लगने वाले पौराणिक मेले, स्थापित मंदिर, मठ, आश्रम, तपस्थली आद...

पानी की कहानी - हिंडन को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एनजीटी ने शुरू किये प्रयास, पर्यावरण विशेषज्ञों ने जन सहभागिता को बताया अहम

पानी की कहानी - हिंडन को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एनजीटी ने शुरू किये प्रयास, पर्यावरण विशेषज्ञों ने जन सहभागिता को बताया अहम

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने हिंडन नदी के साथ साथ काली नदी को भी स्वच्छ बनाने की कवायद शुरू की है. मेरठ में कमीश्नर के रूप में कार्य करते हुए...

मनियारी नदी - शहर भर के कचरे का डंपिंग स्टेशन बनती एक सदानीरा नदी की कहानी

मनियारी नदी - शहर भर के कचरे का डंपिंग स्टेशन बनती एक सदानीरा नदी की कहानी

"जल है तो कल है", जाने किंतनी बार हम सभी ने ये पंक्तियां सुनी हैं. गाहे-बगाहे पर्यावरण प्रेमी, जल संरक्षण संस्थाओं, सामाजिक-राजनीतिक व्यक्ति...

पानी की कहानी - कचरा डंपिंग ने भूगर्भीय जल को बना दिया विषैला, सरकार को नियम बनाने में लग गए 49 साल

पानी की कहानी - कचरा डंपिंग ने भूगर्भीय जल को बना दिया विषैला, सरकार को नियम बनाने में लग गए 49 साल

"घैला के पास से लिए गए पानी के नमूनों की जाँच करने पर उनमें लेड और क्रोमियम जैसे विषैले हैवी मेटल्स मिले हैं. साथ ही जिंक, कॉपर, आयरन, निकेल...

खारुन नदी - जहरीली होती जा रही है रायपुर की जीवन रेखा खारुन नदी, समय रहते संरक्षण जरुरी

खारुन नदी - जहरीली होती जा रही है रायपुर की जीवन रेखा खारुन नदी, समय रहते संरक्षण जरुरी

छत्तीसगढ़ के रायपुर में युगों से बहने वाली "खारुन नदी" शहर के लगभग 15 लाख लोगों के लिए जल और जीवन का स्त्रोत है. "रायपुर में "खारुन महतारी" क...

पहुज नदी - धीरे धीरे मर रही एक प्राचीन नदी की कहानी

पहुज नदी - धीरे धीरे मर रही एक प्राचीन नदी की कहानी

सनातनी धार्मिक ग्रन्थों में पुष्पावती के नाम से जानी जाने वाली "पहुज नदी" यमुना की सहायक काली सिंध नदी की सहायक मानी जाती है. बुंदेलखंड वासि...

कंडवा नदी – समाज और प्रशासन की अवहेलना झेल रही कंडवा की कब बदलेगी तस्वीर?

कंडवा नदी – समाज और प्रशासन की अवहेलना झेल रही कंडवा की कब बदलेगी तस्वीर?

लखीमपुर खीरी को छोटी काशी की उपाधि दी जाती है, जिसका सबसे बड़ा कारण यहां उपस्थित सरिताएं और उनके तटों पर सुशोभित मंदिर एवं आश्रम हैं. गोमती, ...

उल्ल नदी - औद्योगिक प्रदूषण, सीवेज और अवैध अतिक्रमण से जूझ रही है शारदा की यह सहायक

उल्ल नदी - औद्योगिक प्रदूषण, सीवेज और अवैध अतिक्रमण से जूझ रही है शारदा की यह सहायक

हिमालय की तलहटी में बसा पीलीभीत जिला अपनी सघन वन संपदा, जैविक विविधता और जल संग्रहण क्षेत्र के लिए जाना जाता है. दलदली भूमि होने के चलते यहा...

कठिना नदी - विभिन्न स्थानों पर सूख गयी है गोमती की यह प्रमुख सहायक

कठिना नदी - विभिन्न स्थानों पर सूख गयी है गोमती की यह प्रमुख सहायक

मानवीय शरीर में धमनियां रक्त संचरण करती हैं और हृदय को पोषित करते हुए समस्त शरीर की कार्यप्रणाली को सुचारू बनाये रखने में अहम भूमिका निभाती ...

पानी की कहानी - बिहार जल प्रदूषण के बीच हर घर शुद्ध जल के सरकारी दावों की योजना

पानी की कहानी - बिहार जल प्रदूषण के बीच हर घर शुद्ध जल के सरकारी दावों की योजना

बिहार के उप मुख्यमन्त्री श्री सुशील कुमार मोदी ने हाल ही में इंडियन वाटर वर्कर्स एसोसिएशन के 52वें वार्षिक सम्मेलन के समापन समारोह को सम्बोध...

अरवरी नदी - सामुदायिक संकल्पों से पुनर्जीवित हुयी एक मृत नदी की कहानी

अरवरी नदी - सामुदायिक संकल्पों से पुनर्जीवित हुयी एक मृत नदी की कहानी

नदियां हमारे जनजीवन से जुड़ा वह अहम आधार हैं, जिनके बिना जीने की हम कल्पना भी नहीं कर सकते. सनातनी संस्कृति में नदियों को मां मानकर पूजे जाने...

पानी की कहानी - गंगा संरक्षण आवश्यक, फिर गंगा बेसिन की सहायकों, जलाशयों, भूगर्भीय जल स्त्रोतों की अनदेखी क्यों?

पानी की कहानी - गंगा संरक्षण आवश्यक, फिर गंगा बेसिन की सहायकों, जलाशयों, भूगर्भीय जल स्त्रोतों की अनदेखी क्यों?

भारत की आधी से अधिक जनसंख्या का पालन पोषण एक मां के समान करती है गंगा. प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष..हर देशवासी कहीं न कहीं इसी गंगत्त्व से जुड़...

पानी की कहानी - अटल भूजल योजना के जरिये घर घर पानी पहुँचाने का मोदी सरकार का मिशन

पानी की कहानी - अटल भूजल योजना के जरिये घर घर पानी पहुँचाने का मोदी सरकार का मिशन

पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती के अवसर पर सरकार ने उन्हें श्रृद्धा अर्पित करने के लिए दो अहम योजनाओं का प्रारम्भ कि...

पानी की कहानी - गाज़ियबाद में हिंडन को स्वच्छ करने का अभियान, नालों के पानी को साफ़ करने के लिए बनेगा ट्रीटमेंट प्लांट

पानी की कहानी - गाज़ियबाद में हिंडन को स्वच्छ करने का अभियान, नालों के पानी को साफ़ करने के लिए बनेगा ट्रीटमेंट प्लांट

हिंडन को प्रदुषण मुक्त बनाने के लिए गाज़ियाबाद नगर निगम नया सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की तैयारी कर रहा है. गौरतलब है कि गाज़ियाबाद में शहरी ...

दाहा नदी - लुप्त होने की कगार पर है सीवान जिले की जीवनरेखा, संरक्षण के प्रयास जरुरी

दाहा नदी - लुप्त होने की कगार पर है सीवान जिले की जीवनरेखा, संरक्षण के प्रयास जरुरी

विगत तीन दशकों से प्रदूषण की मार झेल रही बाणेश्वरी यानि दाहा नदी की कहानी भी देश की बहुत सी छोटी नदियों की ही तरह है, जो कभी अपनी अविरल प्रव...

फल्गु नदी - अतिक्रमण और प्रदूषण की मार झेल रही है आस्था की प्रतीक रही फल्गु नदी

फल्गु नदी - अतिक्रमण और प्रदूषण की मार झेल रही है आस्था की प्रतीक रही फल्गु नदी

ऐतिहासिक फल्गु नदी, जो हिन्दुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बनकर पवित्र गया नगरी में बहती है, आज प्रदूषण और अतिक्रमण के चलते पूरी तरह सूख ...

भैंसी नदी -  विगत एक दशक से सूखी पड़ी है गोमती की यह सहायक

भैंसी नदी - विगत एक दशक से सूखी पड़ी है गोमती की यह सहायक

नदियां, जो महज पानी ढोने वाला मार्ग ही नहीं हैं, बल्कि इनके किनारे समस्त इतिहास, समग्र विरासत और तहजीब के किस्से समाये होते हैं. ऋग्वेद के अ...

प्रदूषण कर रहा है हमारे वायु, आहार और जल को विषाक्त - माइक्रोफारेस्ट बनाकर धरती को दे सकते हैं पुनर्जीवन

प्रदूषण कर रहा है हमारे वायु, आहार और जल को विषाक्त - माइक्रोफारेस्ट बनाकर धरती को दे सकते हैं पुनर्जीवन

प्रदूषित पर्यावरण दुनिया के लिए समस्या बनता जा रहा है। इससे निपटने के लिए सरकारें नई-नई पॉलिसी ला रही हैं। जिसमें पौधरोपण, सिंगल यूज्ड प्लास...

पानी की कहानी - मर रही हैं हमारी बारहमासी नदियां, पारिस्थितिक और सांस्कृतिक संवर्धन जरुरी

पानी की कहानी - मर रही हैं हमारी बारहमासी नदियां, पारिस्थितिक और सांस्कृतिक संवर्धन जरुरी

मीठे पानी के पारिस्थितिकी तंत्र के साथ अत्यधिक छेड़खानी ने भारत की हर नदी के प्राकृतिक परिदृश्य, उसके स्वरूप और प्रवाह को प्रभावित किया है। प...

प्राकृतिक जल स्त्रोतों के लिए धीमा जहर है प्लास्टिक – समय रहते बचाव जरुरी

प्राकृतिक जल स्त्रोतों के लिए धीमा जहर है प्लास्टिक – समय रहते बचाव जरुरी

तमाम विश्व आज प्लास्टिक की मार से कराह रहा है। अमेरिका जैसा विकसित देश हो या भारत जैसा विकासशील सभी प्लास्टिक के उपयोग से बढ़ने वाली दुश्वार...

पानी की कहानी - गाज़ियाबाद, गौतमबुद्धनगर और सहारनपुर जिले बना रहे हैं हिंडन को बीमार

पानी की कहानी - गाज़ियाबाद, गौतमबुद्धनगर और सहारनपुर जिले बना रहे हैं हिंडन को बीमार

जिन जिलों को वर्षों से हिंडन अपने जल, जैविक विविधता से पोषित करती आ रही थी, आज वही जिले हिंडन की बदहाली के जिम्मेदार बने हुए हैं. हाल ही में...

पानी की कहानी- मानक से अधिक हो रहा कीटनाशक का इस्तेमाल, नाले के जहरीले पानी से 25 भैंसो की मौत

पानी की कहानी- मानक से अधिक हो रहा कीटनाशक का इस्तेमाल, नाले के जहरीले पानी से 25 भैंसो की मौत

दूषित पानी का जहर सिर्फ मनुष्यों को ही बीमार नहीं कर रहा बल्कि अब जानवर भी इसके शिकार हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चिनहट औद्य...

पानी की कहानी- यमुना के पश्चिमी तट के बाद पूर्वी तट का होगा सौन्दर्यीकरण

पानी की कहानी- यमुना के पश्चिमी तट के बाद पूर्वी तट का होगा सौन्दर्यीकरण

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा यमुना नदी के पश्चिमी तट का सफलतापूर्वक कायाकल्प कर दिया गया है. प्राधिकरण ने नदी के पूर्वी तट के सौन्...

पानी की कहानी - गायब हो रहा है गोमुख ग्लेशियर, खतरे में गंगा का अस्तित्व

पानी की कहानी - गायब हो रहा है गोमुख ग्लेशियर, खतरे में गंगा का अस्तित्व

भारत की प्रमुख व पवित्रतम मानी जाने वाली गंगा नदी एक तरफ जहां प्रदूषण का विकराल दंश झेल रही है, वहीं दूसरी ओर इसकी जलधारा को स्त्रोत देने वा...

पानी की कहानी - मनरेगा फंड से होगा नदियों का पुनर्रूद्धार

पानी की कहानी - मनरेगा फंड से होगा नदियों का पुनर्रूद्धार

पवित्र नदियों में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए केन्द्र सरकार के साथ ही उत्तर- प्रदेश सरकार द्वारा भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, हालांकि...

गगास नदी

गगास नदी

संक्षिप्त परिचय –उत्तराखण्ड की पहाड़ी नदियों में से एक गगास नदी राज्य में बहने वाली एक लघु जलधारा है. यह एक ऐसी नदी है, जिसका उद्गम दो स्थान...

विनोद नदी

विनोद नदी

संक्षिप्त परिचय –विनोद नदी उत्तर भारत की छोटी नदियों में से एक है. यह उत्तराखण्ड राज्य में प्रवाहित होती है. विनोद नदी एक पहाड़ी नदी है, जिस...

दामोदर नदी

दामोदर नदी

संक्षिप्त नदी –पश्चिमी भारत की नदियों में से एक दामोदर नदी एक छोटी जलधारा के रूप में बहती है. यह नदी मुख्यतः झारखंड व पश्चिम बंगाल राज्य के ...

सबरी नदी

सबरी नदी

संक्षिप्त परिचय –सबरी नदी दक्षिण – पश्चिमी भारत में बहने वाली प्रमुख नदियों में से एक है. नदी का उद्गम उड़ीसा राज्य में सिंकाराम की पहाड़ियो...

हसदो नदी

हसदो नदी

संक्षिप्त परिचय -हसदो नदी छत्तीसगढ़ राज्य में बहने वाली प्रमुख नदियों में से एक है. इसे ‘हसदेव’ नदी के नाम से भी जानते हैं. नदी का उद्गम कोर...

जानकारी

सबस्क्राइब करें

जल पर संकट सम्पूर्ण मानव प्रजाति, वर्षों पुरानी सभ्यता एवं संस्कृति पर भी एक विकट संकट है. जल संकट की समस्या को लेकर विभिन्न प्रकृति प्रेमी, पर्यावरणविद एवं सामाजिक कार्यकर्त्ता समस्याओं की जड़ तक जाकर उनके उचित समाधानों को खोजने और ज़मीनी स्तर पर उनके क्रियान्वन को दस्तावेज़ित करने का प्रयास इस पोर्टल के माध्यम से कर रहे हैं. कृपया हमसें जुड़े एवं प्रासंगिक अपडेट प्राप्त करने हेतु अपना नाम और ईमेल भरें. 

© पानी की कहानी Creative Commons License
All the Content is licensed under a Creative Commons Attribution 3.0 Unported License.
Terms  Privacy