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गंगा नदी - गंगा और मानव-शरीर पर समय एवं स्थान के प्रभाव में समानता, अध्याय-3

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  • U.K. Choudhary U.K. Choudhary
  • December-09-2019

बरसात के बाद गंगा का जल-स्तर, मिट्टी का आयतन, ऑक्सीजन की मात्रा, ऊर्जा तथा शरीर का आकार घटने लगता है. ऐसी स्थिति में भूमिगत जल जो बरसात में जमा हुआ होता है, का प्रवाह नदी में ज्यादा हो जाता हैं. इस कारण नदी में जल ज्यादा रहता है. इसका वेग अधिक रहता है. यह मानव की प्रौढावस्था जैसा है, जिसमें जवानी का बचाया गया धन/शक्ति काम में आता है, पर यही वह अवस्था है, जब से प्रदूषण आदि से बचने का प्रयास आरम्भ किया जाना चाहिए.(3.4)


After the rainy season, the level of the Ganga water, volume of the soil, amount of oxygen content, energy, shape and size of the body start falling At this condition the ground water (which is collected during the monsoon) flow becomes more in the river. Due to this, sufficient water remains in the river. The velocity of flow is more. This is the stage after the youth in the human body in which the wealth and energy stored during the youth are spent. This is the stage from which the management of pollutants needs to be started in the Ganga system. [3.4]


गंगा का जल-स्तर 'मई-जून' में न्यूनतम होता है. इसके प्रवाह में शक्ति नहीं होती. जल में ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है. नदी सिकुड़ जाती है तथा इसका आयतन न्यूनतम हो जाता है. मानव के बुढ़ापे के शरीर की भाँति गंगा का शरीर हो जाता है. इसमें प्रदूषण का भार सहन करने की क्षमता नहीं होती. यह नदी की वृद्धावस्था है. यही वह अवस्था है, जब प्रदूषण नियंत्रण की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है.
[3.5]


The level of the Ganga water comes to the minimum in May and June. The energy of the stream is reduced. The oxygen content in water becomes low. The body of the river shrinks. The volume comes down to the minimum. The body of the Ganga looks old as the human body becomes in old age. The river has no capacity to tolerate the pollutant load. This is the old age of the river in which pollution management is urgently needed. [3.5]


एक परिवार में जैसे दो व्यक्तियों की एक जैसी ऊँचाई नहीं होती, एक तरह की शक्ति, स्वभाव एवं कार्य-प्रणाली नहीं होती, उसी तरह एक पहाड़ की श्रृंखला से निकलने वाली दो नदियों के उद्गम-स्थान की ऊँचाई, गुण एवं लम्बाई आदि एक नहीं होते. [3.6]


Two persons of a family are not of the same height; their potentials, nature and works are different. Similar to this, two- rivers originating from a mountain range have different heights of*origin, properties and lengths etc. [3.6]
-बरसात के बाद गंगा का जल-स्तर, मिट्टी का आयतन, ऑक्सीजन की मात्रा, ऊर्जा तथा शरीर का आकार घटने लगता ह

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