पानी की कहानी
  • होम
  • जानें
  • रिसर्च
  • संपर्क करें

गंगा नदी - नदियों का चारित्रिक गुण समझना होगा, गंगत्त्व में ही छिपा है हिंदुत्व (MMITGM : 27 व 28)

  • By
  • U.K. Choudhary U.K. Choudhary
  • November-28-2019
MMITGM : (27)


भगवान शिव से-हे भोलेनाथ! विश्व भर में पर्वतों के विभिन्न स्वरूपों को धारण करने वाले आप हैं. जैसे मानव शरीर में हृदय रक्त मस्तिष्क को पहुंचाता है, उसी तरह पृथ्वी अपने हृदयस्थ भूजल को आपके मस्तिष्क रूप पहाड़ के शिखर, हिमालय की चोटी पर अपने जल की स्थैतिक उर्जा को बढ़ाने के लिये आपको अर्पण करती है. आप पर पृथ्वी द्वारा समर्पित यह जल, प्रसाद-रूप से, ऑक्सीजन से लबालब भरा हुआ, विभिन्न नदियों का रूप लिए, अपने स्थैतिक ऊर्जा को गतिज-ऊर्जा में रूपांतरित करते हुए जीव-जगत का प्राणाधार बनता है. आपके मस्तिष्क के सबसे उपरीभाग से प्रस्फुटित भूजल जो अधिकतम स्थैतिक ऊर्जा से समाविष्ट रहते हैं तथा 15-16 पी.पी.एम. तक ऑक्सीजन रखते और विभिन्न गुणों से समाविष्ट हुयी भारत-भूमि में विभिन्न नदियों को समेटते मातेश्वरी-गंगा के नाम से भारत के जन-जन के श्वास-स्वरूप हृदयस्थ रहती है. हे भोलेनाथ! आपकी यह स्थैतिक-ऊर्जा ही संसार की गतिज-ऊर्जा को प्रतिष्ठित करती है. अतः जगत के मूलाधार आप को प्रणाम है.

MMITGM : (28)


भगवान शिव से-हे भोलेनाथ! गंगा, यमुना, सोन आदि अनेक नदियाँ आपके विशाल शिवलिंग, हिमालय में अगल-बगल की स्थिति से ही भूजल के प्रस्फुटन से विभिन्न ऊँचाइयों पर अवतरित हो रही हैं. इन समस्त नदियों के जल का रंग, स्वाद और रासायनिक गुण सब एक जैसे क्यों नहीं हैं? ये नदियाँ चहुँमुखी अर्थात विभिन्न दिशाओं में क्यों प्रवाहित होती आ रही हैं? इनके गुणों में अन्तर क्यों हैं? क्या इन जलों की शक्तियों की विभिन्नता इसलिये होती है क्योंकि ये पृथ्वी के तल से बेसिन के विभिन्न भागों से आती हैं? क्या ये नदियाँ बेसिन के उसी भाग में प्रवाहित होती हैं, जिनके भीतरी जल से नदी प्रस्फुटित हुई है? इस गम्भीर नदी के चारित्रिक गुण के तहत पृथ्वी पर विश्व के समस्त देशों के लोगों, पशुपक्षियों, वहाँ की समस्त सभ्यता-संस्कृति के बदलाव का तकनीकी आप का खेल है क्या? अतः लगता है भोलेनाथ! आपका पहाड़-रूपी-शिवलिंग जल के अन्तःप्रवाह को बाह्य-प्रवाह में रूपांतरित करते हुए ही जीव-जगत का सूक्ष्मता से संचालन करता है.

हमसे ईमेल या मैसेज द्वारा सीधे संपर्क करें.

क्या यह आपके लिए प्रासंगिक है? मेसेज छोड़ें.

More

  • आदि बद्रीबांध निर्माण को लेकर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में हुआ समझौता - सरस्वती को मिलेगा पुनर्जीवन

  • Raman River Rejuvenation Model

  • पानी की कहानी - क्रिसमस डे के मौके पर मोहम्मदी क्षेत्र में विवेकानंद घाट पर चलाया गया स्वच्छता अभियान

  • हसदेव अरण्य कोयला खनन - उद्योग, आर्थिक विकास आवश्यक लेकिन क्या जीवनदायक जंगल, साफ पानी, ताजी हवा जरूरी नहीं

  • पानी की कहानी - नीम नदी को पुनर्जीवन देने के भागीरथ प्रयास हुए शुरू

  • पानी की कहानी - नर्मदा निर्मलता से जुड़े कुछ विचारणीय सुझाव

  • पानी की कहानी - हिंडन नदी : एक परिचय

  • Exhibition and Workshop on Urban Water System in Gurgaon: Pathways to Sustainable Transformation Event

  • नेशनल वाटर कांफ्रेंस एवं "रजत की बूँदें" नेशनल अवार्ड ऑनलाइन वेबिनार 26 जुलाई 2020 Event

  • पानी की कहानी - लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए जारी है यमुना नदी से अवैध खनन

  • Acute Encephalitis Syndrome Reduction through Promotion of Environmental Sanitation and Safe Drinking Water Practices

  • पचनदा बांध परियोजना - डैम प्रोजेक्ट पूरा होने से बीहड़ांचल को मिलेगा धार्मिक महत्त्व, बनेगा पर्यटन केंद्र

  • पानी की कहानी - हिंडन को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एनजीटी ने शुरू किये प्रयास, पर्यावरण विशेषज्ञों ने जन सहभागिता को बताया अहम

  • मनियारी नदी - शहर भर के कचरे का डंपिंग स्टेशन बनती एक सदानीरा नदी की कहानी

  • पानी की कहानी - कचरा डंपिंग ने भूगर्भीय जल को बना दिया विषैला, सरकार को नियम बनाने में लग गए 49 साल

  • खारुन नदी - जहरीली होती जा रही है रायपुर की जीवन रेखा खारुन नदी, समय रहते संरक्षण जरुरी

  • पहुज नदी - धीरे धीरे मर रही एक प्राचीन नदी की कहानी

  • कंडवा नदी – समाज और प्रशासन की अवहेलना झेल रही कंडवा की कब बदलेगी तस्वीर?

  • उल्ल नदी - औद्योगिक प्रदूषण, सीवेज और अवैध अतिक्रमण से जूझ रही है शारदा की यह सहायक

  • कठिना नदी - विभिन्न स्थानों पर सूख गयी है गोमती की यह प्रमुख सहायक

  • पानी की कहानी - बिहार जल प्रदूषण के बीच हर घर शुद्ध जल के सरकारी दावों की योजना

  • अरवरी नदी - सामुदायिक संकल्पों से पुनर्जीवित हुयी एक मृत नदी की कहानी

  • पानी की कहानी - गंगा संरक्षण आवश्यक, फिर गंगा बेसिन की सहायकों, जलाशयों, भूगर्भीय जल स्त्रोतों की अनदेखी क्यों?

  • पानी की कहानी - अटल भूजल योजना के जरिये घर घर पानी पहुँचाने का मोदी सरकार का मिशन

  • पानी की कहानी - गाज़ियबाद में हिंडन को स्वच्छ करने का अभियान, नालों के पानी को साफ़ करने के लिए बनेगा ट्रीटमेंट प्लांट

  • दाहा नदी - लुप्त होने की कगार पर है सीवान जिले की जीवनरेखा, संरक्षण के प्रयास जरुरी

  • फल्गु नदी - अतिक्रमण और प्रदूषण की मार झेल रही है आस्था की प्रतीक रही फल्गु नदी

  • भैंसी नदी - विगत एक दशक से सूखी पड़ी है गोमती की यह सहायक

  • प्रदूषण कर रहा है हमारे वायु, आहार और जल को विषाक्त - माइक्रोफारेस्ट बनाकर धरती को दे सकते हैं पुनर्जीवन

  • पानी की कहानी - मर रही हैं हमारी बारहमासी नदियां, पारिस्थितिक और सांस्कृतिक संवर्धन जरुरी

  • प्राकृतिक जल स्त्रोतों के लिए धीमा जहर है प्लास्टिक – समय रहते बचाव जरुरी

  • पानी की कहानी - गाज़ियाबाद, गौतमबुद्धनगर और सहारनपुर जिले बना रहे हैं हिंडन को बीमार

  • पानी की कहानी- मानक से अधिक हो रहा कीटनाशक का इस्तेमाल, नाले के जहरीले पानी से 25 भैंसो की मौत

  • पानी की कहानी- यमुना के पश्चिमी तट के बाद पूर्वी तट का होगा सौन्दर्यीकरण

  • पानी की कहानी - गायब हो रहा है गोमुख ग्लेशियर, खतरे में गंगा का अस्तित्व

  • पानी की कहानी - मनरेगा फंड से होगा नदियों का पुनर्रूद्धार

  • गगास नदी

  • विनोद नदी

  • दामोदर नदी

  • सबरी नदी

  • हसदो नदी

  • तवा नदी

  • ताम्रपर्णी नदी

  • सुवर्णरेखा नदी

  • इन्द्रावती नदी

  • ब्रह्मपुत्र नदी

  • बाणगंगा नदी

  • भीमा नदी

जानकारी

© पानी की कहानी Creative Commons License
All the Content is licensed under a Creative Commons Attribution 3.0 Unported License.

  • Terms
  • Privacy