पानी की कहानी
  • होम
  • जानें
  • रिसर्च
  • संपर्क करें

गंगा नदी - हिमालय का संरक्षित नहीं होना से गंगा सहित अन्य नदियों के संरक्षण पर भी खतरा है

  • By
  • U.K. Choudhary U.K. Choudhary
  • February-21-2020

केन्द्रस्थ : Catching-hold of Nucleus : MMITGM : (43) :


आप की पूजा क्यों, भोलेनाथ? क्या आप अन्नदाता, ज्ञानदाता-शक्तिदाता हैं? यदि हैं, तो कैसे? पूजा, आंतरिक-आकाश, कोशिका-व्यवस्था ही ज्ञान, ध्यान, शक्ति है. 

"करालंमहाकालकालंकृपालम्", कैसे आप हैं? भोलेनाथ! आप के पर्वतीय हिमालयन शिवलिंगाकार-स्वरूप के बहुआयामी पदार्थीय-शक्ति तरंगों को थोड़ा तो समझा, पर मंदिर में, घर में आप की पूजा क्या है? जल, दूध और नाना तरहों के पदार्थों को आप को अर्पण करना क्या है? यज्ञ, हवण, तर्पण आदि क्या है? भोलेनाथ! क्या यह "श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं" है? ज्ञान कोशिका की व्यवस्था है. इसी को शक्ति कहते हैं. अत: आप की पूजा का अर्थ है, अपनी पूजा करना, अपनी कोशिका को व्यवस्थित करना, अपने आप को शक्तियावेष्ठित करना. जितना चीज शुद्ध-मन से, आत्मस्थ होकर अर्पण, उस वस्तु से लगाव, उसके कारण भीतर की गुदगुदी, तड़प का मिटाव आदि का होना. यज्ञ-दान-तप आदि सभी से अपनी भीतरी-तहों के कपकपाती कोशिका को सीधा करते स्थिर करना, भीतर के भीतरी-आकाश को व्यवस्थित करना, अपने-आप को शक्तिशाली बनाना ही है भोलेनाथ. अतः आप की पूजा, अर्चना, ध्यान, ज्ञान कोशिका व्यवस्था और शक्ति अर्जित करना है. यही अर्थ है आपके ध्यान से कोशिका को दृढ़ कर ज्ञानी और शक्तिशाली बनना, मस्त होना. आपको कोटिश प्रणाम, निरंतरता से शक्तिशाली बनाये रखने का निवेदन करता हूँ.


केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (44) :


हे पूर्णशांत, आनंदानंद में समस्त ऑर्बिटल के इलेक्ट्रोन को कपकपाते भीतर में स्थिर न्यूट्रॉन रूप में विराजमान, भोलेनाथ! आपके हिमालयन-शिवलिंग के चहुँदिशीय विभिन्न अक्षों पर विभिन्न आयामों के साथ नृत्य करती प्रकृति, वातावरण का क्या होता जायेगा, यदि इसके भीतरी और बाहरी आकाशीय स्वरूप बदलने की सीमा को लांघा जाये? यदि आपके सूक्ष्म स्वरूप, न्यूट्रॉन के हिलने से गामा-रे निकलता है तो हिमालयन शिवलिंग के विशेष कंपायमान होने से क्या होगा? क्या हिमालयन-समस्त नदियों के मृदाभार का बढ़ना, अप्राकृतिक-विभिन्न जलाशयों (reservoirs of the dams) के बढ़ने से, छोटे-छोटे भूकंपों से, लैंड-स्लाइड का होना, समतल-भूमि, ग्रेट प्लेन ऑफ इन्डिया में प्रवाहित हो रही गंगा का मृदाभार विश्व की किसी भी नदी से ज्यादा होना, क्या यह आपके हिमालयन-शिवलिंग का हिलना नहीं है भोलेनाथ? आपके इस हिमालयन शिवलिंग का संरक्षण कैसे हो? आप कृपा कर ज्ञान-ध्यान और शक्ति दीजिये. आप को कोटिशः प्रणाम.

हमसे ईमेल या मैसेज द्वारा सीधे संपर्क करें.

क्या यह आपके लिए प्रासंगिक है? मेसेज छोड़ें.

More

  • आदि बद्रीबांध निर्माण को लेकर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में हुआ समझौता - सरस्वती को मिलेगा पुनर्जीवन

  • Raman River Rejuvenation Model

  • पानी की कहानी - क्रिसमस डे के मौके पर मोहम्मदी क्षेत्र में विवेकानंद घाट पर चलाया गया स्वच्छता अभियान

  • हसदेव अरण्य कोयला खनन - उद्योग, आर्थिक विकास आवश्यक लेकिन क्या जीवनदायक जंगल, साफ पानी, ताजी हवा जरूरी नहीं

  • पानी की कहानी - नीम नदी को पुनर्जीवन देने के भागीरथ प्रयास हुए शुरू

  • पानी की कहानी - नर्मदा निर्मलता से जुड़े कुछ विचारणीय सुझाव

  • पानी की कहानी - हिंडन नदी : एक परिचय

  • Exhibition and Workshop on Urban Water System in Gurgaon: Pathways to Sustainable Transformation Event

  • नेशनल वाटर कांफ्रेंस एवं "रजत की बूँदें" नेशनल अवार्ड ऑनलाइन वेबिनार 26 जुलाई 2020 Event

  • पानी की कहानी - लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए जारी है यमुना नदी से अवैध खनन

  • Acute Encephalitis Syndrome Reduction through Promotion of Environmental Sanitation and Safe Drinking Water Practices

  • पचनदा बांध परियोजना - डैम प्रोजेक्ट पूरा होने से बीहड़ांचल को मिलेगा धार्मिक महत्त्व, बनेगा पर्यटन केंद्र

  • पानी की कहानी - हिंडन को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एनजीटी ने शुरू किये प्रयास, पर्यावरण विशेषज्ञों ने जन सहभागिता को बताया अहम

  • मनियारी नदी - शहर भर के कचरे का डंपिंग स्टेशन बनती एक सदानीरा नदी की कहानी

  • पानी की कहानी - कचरा डंपिंग ने भूगर्भीय जल को बना दिया विषैला, सरकार को नियम बनाने में लग गए 49 साल

  • खारुन नदी - जहरीली होती जा रही है रायपुर की जीवन रेखा खारुन नदी, समय रहते संरक्षण जरुरी

  • पहुज नदी - धीरे धीरे मर रही एक प्राचीन नदी की कहानी

  • कंडवा नदी – समाज और प्रशासन की अवहेलना झेल रही कंडवा की कब बदलेगी तस्वीर?

  • उल्ल नदी - औद्योगिक प्रदूषण, सीवेज और अवैध अतिक्रमण से जूझ रही है शारदा की यह सहायक

  • कठिना नदी - विभिन्न स्थानों पर सूख गयी है गोमती की यह प्रमुख सहायक

  • पानी की कहानी - बिहार जल प्रदूषण के बीच हर घर शुद्ध जल के सरकारी दावों की योजना

  • अरवरी नदी - सामुदायिक संकल्पों से पुनर्जीवित हुयी एक मृत नदी की कहानी

  • पानी की कहानी - गंगा संरक्षण आवश्यक, फिर गंगा बेसिन की सहायकों, जलाशयों, भूगर्भीय जल स्त्रोतों की अनदेखी क्यों?

  • पानी की कहानी - अटल भूजल योजना के जरिये घर घर पानी पहुँचाने का मोदी सरकार का मिशन

  • पानी की कहानी - गाज़ियबाद में हिंडन को स्वच्छ करने का अभियान, नालों के पानी को साफ़ करने के लिए बनेगा ट्रीटमेंट प्लांट

  • दाहा नदी - लुप्त होने की कगार पर है सीवान जिले की जीवनरेखा, संरक्षण के प्रयास जरुरी

  • फल्गु नदी - अतिक्रमण और प्रदूषण की मार झेल रही है आस्था की प्रतीक रही फल्गु नदी

  • भैंसी नदी - विगत एक दशक से सूखी पड़ी है गोमती की यह सहायक

  • प्रदूषण कर रहा है हमारे वायु, आहार और जल को विषाक्त - माइक्रोफारेस्ट बनाकर धरती को दे सकते हैं पुनर्जीवन

  • पानी की कहानी - मर रही हैं हमारी बारहमासी नदियां, पारिस्थितिक और सांस्कृतिक संवर्धन जरुरी

  • प्राकृतिक जल स्त्रोतों के लिए धीमा जहर है प्लास्टिक – समय रहते बचाव जरुरी

  • पानी की कहानी - गाज़ियाबाद, गौतमबुद्धनगर और सहारनपुर जिले बना रहे हैं हिंडन को बीमार

  • पानी की कहानी- मानक से अधिक हो रहा कीटनाशक का इस्तेमाल, नाले के जहरीले पानी से 25 भैंसो की मौत

  • पानी की कहानी- यमुना के पश्चिमी तट के बाद पूर्वी तट का होगा सौन्दर्यीकरण

  • पानी की कहानी - गायब हो रहा है गोमुख ग्लेशियर, खतरे में गंगा का अस्तित्व

  • पानी की कहानी - मनरेगा फंड से होगा नदियों का पुनर्रूद्धार

  • गगास नदी

  • विनोद नदी

  • दामोदर नदी

  • सबरी नदी

  • हसदो नदी

  • तवा नदी

  • ताम्रपर्णी नदी

  • सुवर्णरेखा नदी

  • इन्द्रावती नदी

  • ब्रह्मपुत्र नदी

  • बाणगंगा नदी

  • भीमा नदी

जानकारी

© पानी की कहानी Creative Commons License
All the Content is licensed under a Creative Commons Attribution 3.0 Unported License.

  • Terms
  • Privacy