पानी की कहानी
  • होम
  • जानें
  • रिसर्च
  • संपर्क करें

पूर्वी काली नदी - पूर्वी काली नदी का प्रदूषण ग्रामीणों को बना रहा है बीमार : आस पास के क्षेत्रों में फैल रही गंभीर बीमारियां

  • By
  • Raman Kant Raman Kant
  • Deepika Chaudhary Deepika Chaudhary
  • January-24-2019

मुज्जफरनगर जिले के अंतर्गत बहने वाली प्रमुख नदी पूर्वी काली के प्रदूषण के कारण बहुत से गांव आज इसकी चपेट में आकर गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं. विशेष रूप से रतनपुरी क्षेत्र के अधिकतर गांव जल प्रदूषण के कारण प्रभावित हैं. रतनपुरी में नदी के तकरीबन 30 किमी क्षेत्र के गांवों पर इस प्रदूषण का प्रभाव अत्याधिक है, इस क्षेत्र के अंतर्गत बहुत सी मिलों और कारखानों से रासायनिक अपशिष्ट निरंतर नदी को दूषित कर रहा है, जिसके चलते काली नदी और तटीय क्षेत्रों के गांवों का भूजल भी प्रदूषित हो रहा है.

दूषित पानी से पनप रहे हैं गंभीर रोग –

जनपद के अधिकतर ग्राम जल प्रदूषण का दंश झेल रहे हैं. पुराने ग्रामवासियों के अनुसार,

“पहले काली नदी का जल साफ़ था, परन्तु विगत कुछ वर्षों से इसके किनारों पर कारखाने स्थापित होने से नदी में रासायनिक जहर प्रवाहित किया जा रहा है, जो लोगों को बीमार कर रहा है.”

वास्तव में नदी किनारे बसे ग्रामों के लोग खतरनाक बीमारियों की चपेट में आकर जान गंवा रहे हैं, इन इलाकों में कैंसर, फेफड़ों के रोग, हृदय रोग, किडनी, पेट और विभिन्न संक्रामक रोगों से जूझ रहे हैं. इन भयंकर रोगों के चलते बहुत से ग्रामीण त्रस्त हैं. विशेष रूप से रतनपुरी, मोरकुक्का, डाबल, समौली, भनवाड़ा आदि ग्राम विशेष रूप से प्रभावित हैं, जहाँ कैंसर जैसे गंभीर रोग के चलते बहुत से ग्रामीणों की मृत्यु हो चुकी है और अन्य इससे जूझ रहे हैं.

पहले भी नदी जल पर किया जा चुका है जल परीक्षण -

वर्ष 2015 में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के साथ साझेदारी परियोजना में, पूर्वी काली वाटरकीपर और मूल संगठन नीर फाउंडेशन के द्वारा नदी के पूरे विस्तार क्षेत्र के साथ आठ अलग-अलग स्थानों पर जल निकायों के भूजल और सतही जल परीक्षण को सफलतापूर्वक संचालित किया. जिसके अंतर्गत नमूनों का प्रयोग एक प्रयोगशाला में किया गया था और इसमें जल में भारी धातुओं और प्रतिबंधित पीओपी की उपस्थिति की पुष्टि की गयी थी.

मुज्जफरनगर जिले के
अंतर्गत बहने वाली प्रमुख नदी पूर्वी काली के प्रदूषण के कारण बहुत से गांव आज
इसकी  

वाटर कलेक्टिव संस्था एवं नीर फाउंडेशन द्वारा वितरित किये गए थे वाटर फिल्टर –

शोध के बाद संगृहीत किये गए सैंपलों के आधार पर जल में प्रदूषण की पुष्टि होने के बाद से ही नीर फाउंडेशन के निदेशक रमन कांत इस विषय पर गंभीरता से कार्य कर रहे हैं. इस कड़ी में उन्होंने ग्रामवासियों से बातचीत भी की तथा पूर्वी काली के संरक्षण को लेकर निरंतर प्रयास भी किये. साथ ही वाटर कलेक्टिव संस्था के तत्वावधान में डाबल और मोरकुका ग्राम में वाटर फ़िल्टर भी ग्रामवासियों के मध्य बांटे गए थे. नीर फाउंडेशन द्वारा काली नदी प्रदूषण पर डाक्यूमेंट्री बनाकर डब्लूएचओ को भी भेजी जा चुकी है.

नदी के बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब ग्रामवासी इस ओर गंभीर होने लगे हैं, उन्होंने स्थानीय प्रशासन से प्रदूषण को रोकने की मांग करते हुए प्रदूषण फैला रहे कारखानों पर सख्त कार्यवाही करने की भी बात रखी है. हाल ही में हुए “काली नदी सेवा” अभियान में भी जनभागीदारी देखी गयी थी और यदि इस तरह के अभियान प्रशासन और जनता की सहभागीदारी में चले तो अभी भी नदियों की दयनीय अवस्था में सुधार किया जा सकता है. 

हमसे ईमेल या मैसेज द्वारा सीधे संपर्क करें.

क्या यह आपके लिए प्रासंगिक है? मेसेज छोड़ें.

Related Tags

kali river east(7) kali river pollution(1) indian river pollution(1) water keeper alliance(1) mujjafarnagar(1) ratanpuri(1) dabal village(1) morkuka village(1) diseases from river water(1)

More

  • पानी की कहानी - क्रिसमस डे के मौके पर मोहम्मदी क्षेत्र में विवेकानंद घाट पर चलाया गया स्वच्छता अभियान

  • हसदेव अरण्य कोयला खनन - उद्योग, आर्थिक विकास आवश्यक लेकिन क्या जीवनदायक जंगल, साफ पानी, ताजी हवा जरूरी नहीं

  • पानी की कहानी - नीम नदी को पुनर्जीवन देने के भागीरथ प्रयास हुए शुरू

  • पानी की कहानी - नर्मदा निर्मलता से जुड़े कुछ विचारणीय सुझाव

  • पानी की कहानी - हिंडन नदी : एक परिचय

  • Exhibition and Workshop on Urban Water System in Gurgaon: Pathways to Sustainable Transformation Event

  • नेशनल वाटर कांफ्रेंस एवं "रजत की बूँदें" नेशनल अवार्ड ऑनलाइन वेबिनार 26 जुलाई 2020 Event

  • पानी की कहानी - लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए जारी है यमुना नदी से अवैध खनन

  • Acute Encephalitis Syndrome Reduction through Promotion of Environmental Sanitation and Safe Drinking Water Practices

  • पचनदा बांध परियोजना - डैम प्रोजेक्ट पूरा होने से बीहड़ांचल को मिलेगा धार्मिक महत्त्व, बनेगा पर्यटन केंद्र

  • पानी की कहानी - हिंडन को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एनजीटी ने शुरू किये प्रयास, पर्यावरण विशेषज्ञों ने जन सहभागिता को बताया अहम

  • मनियारी नदी - शहर भर के कचरे का डंपिंग स्टेशन बनती एक सदानीरा नदी की कहानी

  • पानी की कहानी - कचरा डंपिंग ने भूगर्भीय जल को बना दिया विषैला, सरकार को नियम बनाने में लग गए 49 साल

  • खारुन नदी - जहरीली होती जा रही है रायपुर की जीवन रेखा खारुन नदी, समय रहते संरक्षण जरुरी

  • पहुज नदी - धीरे धीरे मर रही एक प्राचीन नदी की कहानी

  • कंडवा नदी – समाज और प्रशासन की अवहेलना झेल रही कंडवा की कब बदलेगी तस्वीर?

  • उल्ल नदी - औद्योगिक प्रदूषण, सीवेज और अवैध अतिक्रमण से जूझ रही है शारदा की यह सहायक

  • कठिना नदी - विभिन्न स्थानों पर सूख गयी है गोमती की यह प्रमुख सहायक

  • पानी की कहानी - बिहार जल प्रदूषण के बीच हर घर शुद्ध जल के सरकारी दावों की योजना

  • अरवरी नदी - सामुदायिक संकल्पों से पुनर्जीवित हुयी एक मृत नदी की कहानी

  • पानी की कहानी - गंगा संरक्षण आवश्यक, फिर गंगा बेसिन की सहायकों, जलाशयों, भूगर्भीय जल स्त्रोतों की अनदेखी क्यों?

  • पानी की कहानी - अटल भूजल योजना के जरिये घर घर पानी पहुँचाने का मोदी सरकार का मिशन

  • पानी की कहानी - गाज़ियबाद में हिंडन को स्वच्छ करने का अभियान, नालों के पानी को साफ़ करने के लिए बनेगा ट्रीटमेंट प्लांट

  • दाहा नदी - लुप्त होने की कगार पर है सीवान जिले की जीवनरेखा, संरक्षण के प्रयास जरुरी

  • फल्गु नदी - अतिक्रमण और प्रदूषण की मार झेल रही है आस्था की प्रतीक रही फल्गु नदी

  • भैंसी नदी - विगत एक दशक से सूखी पड़ी है गोमती की यह सहायक

  • प्रदूषण कर रहा है हमारे वायु, आहार और जल को विषाक्त - माइक्रोफारेस्ट बनाकर धरती को दे सकते हैं पुनर्जीवन

  • पानी की कहानी - मर रही हैं हमारी बारहमासी नदियां, पारिस्थितिक और सांस्कृतिक संवर्धन जरुरी

  • प्राकृतिक जल स्त्रोतों के लिए धीमा जहर है प्लास्टिक – समय रहते बचाव जरुरी

  • पानी की कहानी - गाज़ियाबाद, गौतमबुद्धनगर और सहारनपुर जिले बना रहे हैं हिंडन को बीमार

  • पानी की कहानी- मानक से अधिक हो रहा कीटनाशक का इस्तेमाल, नाले के जहरीले पानी से 25 भैंसो की मौत

  • पानी की कहानी- यमुना के पश्चिमी तट के बाद पूर्वी तट का होगा सौन्दर्यीकरण

  • पानी की कहानी - गायब हो रहा है गोमुख ग्लेशियर, खतरे में गंगा का अस्तित्व

  • पानी की कहानी - मनरेगा फंड से होगा नदियों का पुनर्रूद्धार

  • गगास नदी

  • विनोद नदी

  • दामोदर नदी

  • सबरी नदी

  • हसदो नदी

  • तवा नदी

  • ताम्रपर्णी नदी

  • सुवर्णरेखा नदी

  • इन्द्रावती नदी

  • ब्रह्मपुत्र नदी

  • बाणगंगा नदी

  • भीमा नदी

  • लूनी नदी

  • पेन्नार नदी

जानकारी

© पानी की कहानी Creative Commons License
All the Content is licensed under a Creative Commons Attribution 3.0 Unported License.

  • Terms
  • Privacy