पानी की कहानी
  • होम
  • जानें
  • रिसर्च
  • संपर्क करें

हमारी नदियां भी बन सकती हैं सदानीरा

  • By
  • पानी की कहानी
  • July-18-2018

हमारी नदियां मां हैं फिर भी प्रदूषित है, उनकी नदियां मां नहीं लेकिन फिर भी साफ हैं, ऐसा क्यों...... इस कटु सत्य से मेरा परिचय 6-10 जून, 2018 को अमेरिका के बफेलो शहर में आयोजित हुई वाटरकीपर एलाइंस कान्फ्रेंस (एक अंतर्राष्ट्रीय नदी सम्मेलन) के दौरान हुआ। इस सम्मेलन में 28 देशों के करीब 500 नदी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। सभी ने अपनी नदियों की स्थिति तथा उनके सुधार के लिए किए गए प्रयासों के संबंध में विस्तार से जानकारियां साझा कीं।

अमेरिका में सुचारू नदी तंत्र के लिए लाए गये बड़े बदलाव

अमेरिका में नदियों को मां नहीं मानते हैं लेकिन फिर भी वे अपनी नदियों को साफ-स्वच्छ बनाए हुए हैं जबकि हम अपनी नदियों का मां का दर्जा देते हैं फिर भी उनको प्रदूषण की मार से मरणासन्न स्थिति में पहुंचा दिया है। अमेरिका में नदियों के हालातों को सुधारने के लिए बहुत से प्रयास किये गये, जिनमें सरकार के साथ साथ जनता का सहयोग भी रहा.

कड़े नियम कायदे -

उन्होंने नदियों को सुधारने के लिए जो भी कार्य अपने हाथ में लिया, उसे ईमानदारीपूर्वक पूर्ण किया इसका नजीता हुआ कि उन्होंने अपनी जीवनदायनी नदियों को निर्मल व अविरल बनाए रखा। उनकी नदियां भी कभी भयंकर प्रदूषण का दंश झेल रही थीं, वहां कि सरकारों ने कठोर निर्णय लिए और उनको सभी स्तरों पर पूर्ण ईमानदारी से लागू किया। सीवेज और उद्योगों से निकलने वाले गैर-शोधित तरल कचरे को लेकर कठोर नियम-कायदे बनाए, ये नियम जितने कठोर थे, उनको उतनी की कठोरता से लागू भी किया गया।

उद्योगों पर बेहतर तकनीकी नियंत्रण -

प्रारम्भ में कठिनाइयां आईं लेकिन सरकार की अडिगता के साथ समाज भी खड़ा हो गया। उद्योगों को बेहतर तकनीकें उपलब्ध कराई गयी। कानून का उल्लंघन करने पर उचित दंड की भी व्यवस्था की गई। उद्योगों में सेंसर लगाए गए तथा उसके मानक तय किए गए। अगर मानक के अनुरूप उद्योग ने कार्य नहीं किया तो सेंसर के चलते उद्योग का गेट बंद हो गया और उसका गंदा पानी उसी में भरने लगा। उसके पश्चात् उस उद्योग को पूर्णतः बंद कर दिया गया। इसी प्रकार के कुछ अन्य निर्णय भी लिए गए।

सीवेज सिस्टम में विश्वस्तरीय सुधार -

अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले कुछ विशेष प्रकार के उद्योगों का उत्पादन ही बंद कर दिया गया। इसी प्रकार के निर्णय शहरों से निकलने वाले सीवेज के लिए गए। आधुनिक तकनीक को कड़ाई से लागू किया गया। सीवेज सिस्टम में विश्वस्तरीय सुधार किये गए। सीवेज को नदियों में मिलने से रोका गया।

जनता का भी मिला सहयोग -

अमेरिकन सरकार द्वारा नदियों के रखरखाव के लिए भी व्यवस्थित नियम बनाए। नदियों में कूड़ा-कचरा डालना तो दूर उनमें हाथ डालना, नदी में उतरना, स्नान करना तथा बोटिंग करना जैसे कार्यों को प्रतिबंधित किया और इस प्रतिबंध को वहां के समाज ने माना भी।

पोटोमेक नदी को किया प्रदूषण मुक्त -

मेरीलैण्ड व वर्जीनिया की सीमा को विभाजित करते हुए बहती हुई पोटोमेक नदी वाशिंगटन जैसे बड़े शहर व अमेरिका की राजधानी में पहुंचकर भी साफ-सुथरी ही बहती है। ये कोई चमत्कार से कम नहीं, क्योंकि पोटोमेक नदी सत्तर के दशक में दुनिया की सर्वाधिक प्रदूषित नदियों में शामिल थी। पोटोमेक के पास खड़ा होना भी दूभर था। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति ने पोटोमेक को निर्मल बना दिया।

अन्तर्राष्ट्रीय नदी सम्मेलन में भाग लेने का मृख्य उद्देश्य क्या था?

इस सम्मेलन में करीब 28 देशों के करीब 500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। ये सभी वे लोग थे, जोकि अपने-अपने देशों में नदी सुधार के कार्यों में लगे हैं। देश से बाहर जब भी मैं जाता हूं तो मेरा प्रयास होता है कि वहां के पानी व पर्यावरण को समझा जाए। वहां की नदियां, जंगल तथा पानी का प्रबंधन देखकर अंदाजा लग जाता है कि वहां की सरकार व समाज अपने प्राकृतिक संसाधनों से कितना लगाव रखते हैं।

अमेरिका में नदियों के हालात कैसे हैं?

वहां प्रवास के दौरान बाफैलो, नियाग्रा, ऐरी कैनाल, हडसन, जैनेसी, पोटोमेक, एनाकोस्टिया व राॅक क्रीक सहित आठ नदियां तथा उनका प्रबंधन देखा। इनमें से किसी भी नदी का पानी आप पी सकते हैं। ये अलग-अलग प्रकार की नदियां हैं। इनमें जैनेसी तथा एनाकोस्टिया वाइल्ड नदियां हैं, जोकि घने जंगल के बीच से आती हैं। नियाग्रा, बाफैलो व ऐरी कैनाल पोर्ट की नदियां हैं, जबकि हडसन न्यूयार्क व पोटोमेक वाशिंगटन जैसे बड़े शहरों के बीच से बहती हैं। कोई भी नदी चाहे शहर के बाहर हो या जंगल में किसी भी नदी में किसी भी प्रकार की गंदगी डालना पूरी तरह से निषेघ है। जैनेसी जैसी वाइल्ड नदियों में तो आप हाथ भी नहीं धो सकते हैं।

भारत की नदियों की तुलना अमेरिका की नदियों से किस प्रकार की जा सकती है?

उनकी नदियों की तुलना भारत की नदियों से करना बेमानी होगा। हम नदियों के मामले में ढोंग करते हैं, जबकि वे ईमानदारी से अपना कार्य करते हैं। भारतवासी नदियों को मां का दर्जा देते हैं लेकिन फिर भी नदी को नाला बनाकर रखा है जबकि अमेरिकी या यूरोप के देश के निवासियों ने अपनी नदियों को मां का दर्जा तो नहीं दिया है, परन्तु फिर भी उनकी नदियों में साफ-स्वच्छ पानी बह रहा है।

क्या काली, हिण्डन व यमुना नदी की तुलना वहां की किसी नदी से की जा सकती है?

वाशिंगटन के बीच से होकर बहने वाली पोटोमेक नदी सत्तर के दशक तक हिण्डन व काली जितनी ही प्रदूषित थी, लेकिन वहां की सरकार ने अपनी नदी को सुधारने का निर्णय लिया और एक दशक में ही पोटोमेक को प्रदूषणमुक्त कर दिया। जबकि हम अत्याधिक प्रयासों के बावजूद भी हिण्डन व काली नदियों को प्रदूषणमुक्त करने की राह पर एक कदम ही बढ़ पाए हैं।

गोमती नदी में बनने वाले रिवर फ्रंट का विरोध क्यों? जबकि वहां की नदियों में भी रिवर फ्रंट बने हैं.

हमारे नेता व अधिकारी नदियों के अध्ययन के नाम पर विदेशों की यात्रा जरूर करते हैं, लेकिन उनके कार्य को ठीक से समझते नहीं हैं। वहां जितनी भी नदियों पर रिवर फ्रंट बने हैं वे सभी पोर्ट की नदियां हैं, पोर्ट नदियां होते हुए भी उन्होंने रिवर फ्रंट लकड़ी व पत्थर से बनाए हैं, जबकि गोमती पोर्ट नदी नहीं है, फिर भी हमने गोमती के बेसिन में कंक्रीट की दीवारें खड़ी कर दी है. उसके बेसिन को ही समाप्त कर दिया है। साथ ही देश की अन्य नदियों के साथ भी इसी अत्याचार की परियोजनाएं तैयार की जा रही हैं.

उन्होंने आखिर ऐसा क्या किया कि उनका नदी- तंत्र इतना बेहतर है?

उन्होंने अपनी नदियों को सुधारने के लिए बेहतर योजनाएं बनाई, जिन्हें ईमानदारी से लागू भी किया गया। सीवरेज सिस्टम व उद्योगों के लिए सख्त कानून बनाए। वहां ढोंग नहीं चलता है, बल्कि वहां की सरकारें जो निर्णय लेती हैं उसके प्रति ईमानदार रहती हैं। वहां का समाज भी सरकार के साथ सहयोग करता है।

क्या काली, हिंडन व यमुना भी कभी साफ़-स्वच्छ हो सकती हैं?

यह बिलकुल संभव हो सकता है, परन्तु यदि कार्य पूर्ण ईमानदारी से हो। सरकार सख्त निर्णय ले और अपने निर्णयों को बगैर किसी दबाव के ईमानदारी से लागू करे। समाज यदि नदी को मां मानता है तो नदी के प्रति अपनी मां जैसा ही व्यवहार भी करे।

गंगा नदी के संबंध में क्या किया जा सकता है?

यह बड़े दुख का विषय है कि भारत की करीब 40 करोड़ आबादी की पोषक हमारी राष्ट्रीय नदी गंगा को भी निर्मल व अविरल बनाने में पिछले करीब 30 वर्षाें में भी हम सफल नहीं हो सके हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि हमारे देश में राजनैतिक इच्छशक्ति की कमी है। बाबूगिरी में फैसले अटके रहते हैं और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। गंगा के विषय में कार्य कम और दिखावा अधिक हो रहा है। आज भी जमीनी स्तर पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा है।

अभी तो हम गंगा के प्रदूषण को दूर नहीं कर पा रहे हैं, वहीं गंगा नदी में पानी की कमी एक दूसरा संकट बनता जा रहा है। साथ ही गंगा की अधिकतर सहायक नदियों या तो लुप्त हो चुकी हैं, सूख चुकी हैं या फिर नदी से नाला बन चुकी हैं।

अंत में दो शब्द

अगर हम अपनी नदियों को वास्तव में सदानीरा बनाना चाहते हैं तो हमारी सरकारों को कठिन निर्णय लेने होंगे, अधिकारियों को उनको ईमानदारी से लागू करना होगा तथा समाज को भी इसमें पूर्ण समर्पण से सरकारों का सहयोग करना होगा।


हमसे ईमेल या मैसेज द्वारा सीधे संपर्क करें.

क्या यह आपके लिए प्रासंगिक है? मेसेज छोड़ें.

More

पानी की कहानी - ग्लेशियर पर बढ़ते दबाव से कांपती है धरती, दरकते हैं पहाड़ और नदियों का वेग होता है एकाएक तीव्र

पानी की कहानी - ग्लेशियर पर बढ़ते दबाव से कांपती है धरती, दरकते हैं पहाड़ और नदियों का वेग होता है एकाएक तीव्र

हिमालय पर्वत, जिसे लूज रॉक की संज्ञा भी दी जा सकती है, एक ऊंची ढाल का सेडिमेंट्री पहाड़ है। यानि ग्लेशियर पर बढ़ता दबाव हिमालयी क्षेत्र में छो...

पानी की कहानी - जल प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं से मिलेगी गुरुग्राम वासियों को राहत, भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ की सार्थक पहल

पानी की कहानी - जल प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं से मिलेगी गुरुग्राम वासियों को राहत, भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ की सार्थक पहल

भारतीय जनता पार्टी बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ गुरुग्राम के ज़िला संयोजक, श्री अमर झा ने दिनांक 26/07/2022 को गुरुग्राम ज़िले के जल प्रबंधन, भूजल में ...

पानी की कहानी - छोटी नदियों और उनके इकोसिस्टम को मरने के लिए छोड़ दिया तो गंगा में जल कहां से आएगा? - डॉ वेंकटेश दत्ता

पानी की कहानी - छोटी नदियों और उनके इकोसिस्टम को मरने के लिए छोड़ दिया तो गंगा में जल कहां से आएगा? - डॉ वेंकटेश दत्ता

हम सभी अलग अलग गांवों से आते हैं, जहां ताल-तलैया, छोटी छोटी नदियां आदि हुआ करती थी। अकेले लखनऊ में ही पाँच नदियां हैं, जिनमें गोमती, कुकरैल,...

पानी की कहानी - असम की बाढ़, कारण और निवारण के बीच फंसे लोग

पानी की कहानी - असम की बाढ़, कारण और निवारण के बीच फंसे लोग

असम में बाढ़ कोई नई घटना नहीं है। किन्तु मानसून के पहले ही चरण में बाढ़ का इतना ज्यादा टिक जाना और इसके लिए सरकार के मुखिया द्वारा लोगों पर दो...

पानी की कहानी - केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट, कर्नाटक का कोलार जिला कर रहा सर्वाधिक भूजल दोहन

पानी की कहानी - केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट, कर्नाटक का कोलार जिला कर रहा सर्वाधिक भूजल दोहन

"बिन पानी सब सून", कहावत के बार बार सुनने के बाद भी हम मनुष्य उस पर गंभीरता से विचार नहीं करते हैं। बीते कुछ वर्षों में जिस तरह देश के विभिन...

पानी की कहानी - वैश्विक तापमान में वृद्धि और मौसम में लगातार परिवर्तन, क्या दो बूंद गंगाजल के लिए तरसता रह जाएगा सागर?

पानी की कहानी - वैश्विक तापमान में वृद्धि और मौसम में लगातार परिवर्तन, क्या दो बूंद गंगाजल के लिए तरसता रह जाएगा सागर?

(वैश्विक तापमान में वृद्धि और इसके परिणामस्वरूप मौसमी परिवर्तन। निःसंदेह, वृद्धि और परिवर्तन के कारण स्थानीय भी हैं, किंतु राजसत्ता अभी भी ऐ...

Flood Control Plan for Gurugram (2020-21) by Department of Revenue & Disaster Management

Flood Control Plan for Gurugram (2020-21) by Department of Revenue & Disaster Management

The country's cyber city Gurugram suffers huge losses every year due to flash floods when it rains. The city has gained international fame i...

पानी की कहानी - वर्ल्ड वाटर डे विशेष : भूजल संरक्षण है आवश्यक

पानी की कहानी - वर्ल्ड वाटर डे विशेष : भूजल संरक्षण है आवश्यक

वर्तमान समय में प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ता दबाव हमारे प्राकृतिक जल स्त्रोतों के लिए खतरा बनता जा रहा है। नीर फाउंडेशन के निदेशक व संस्थापक न...

पानी की कहानी - गंगा में रोजाना डंप किया जा रहा है 280 करोड़ लीटर अपशिष्ट, नियमों का उल्लंघन कर रही 190 औद्योगिक इकाइयों को केंद्र सरकार ने किया बंद

पानी की कहानी - गंगा में रोजाना डंप किया जा रहा है 280 करोड़ लीटर अपशिष्ट, नियमों का उल्लंघन कर रही 190 औद्योगिक इकाइयों को केंद्र सरकार ने किया बंद

गंगा नदी प्रदूषण में इजाफा कर रहे 180 उद्योगों पर सोमवार 21 मार्च को केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है। गंगा को प्रदूषित कर रहे पांच राज्यों के ...

आदि बद्रीबांध निर्माण को लेकर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में हुआ समझौता - सरस्वती को मिलेगा पुनर्जीवन

आदि बद्रीबांध निर्माण को लेकर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में हुआ समझौता - सरस्वती को मिलेगा पुनर्जीवन

वैदिककालीन साहित्य में परम पवित्र नदी के रूप में जानी जाने वाली सरस्वती नदी भारत की उन पौराणिक नदियों में से एक है, जिनके किनारे रहकर ऋषियों...

Raman River Rejuvenation Model

Raman River Rejuvenation Model

Raman River Rejuvenation Model WHY NEED THIS MODEL?The existence of small and rainy rivers in India is nearing its end. The new generation h...

पानी की कहानी - क्रिसमस डे के मौके पर मोहम्मदी क्षेत्र में विवेकानंद घाट पर चलाया गया स्वच्छता अभियान

पानी की कहानी - क्रिसमस डे के मौके पर मोहम्मदी क्षेत्र में विवेकानंद घाट पर चलाया गया स्वच्छता अभियान

सदानीरा रही गोमती हजारों वर्षों से अनेकों संस्कृतियों को सहेज रही है, कईं सभ्यताओं को पनपने में अपनी भूमिका प्रदान कर चुकी है, अनगिनत पौराणि...

हसदेव अरण्य कोयला खनन - उद्योग, आर्थिक विकास आवश्यक लेकिन क्या जीवनदायक जंगल, साफ पानी, ताजी हवा जरूरी नहीं

हसदेव अरण्य कोयला खनन - उद्योग, आर्थिक विकास आवश्यक लेकिन क्या जीवनदायक जंगल, साफ पानी, ताजी हवा जरूरी नहीं

"जब आखिरी पेड़ कट जाएगा, जब आखिरी नदी के पानी में जहर घुल जाएगा और जब आखिरी मछली का भी शिकार हो जाएगा, तभी इनसान को एहसास होगा कि वह पैसे नह...

पानी की कहानी - नीम नदी को पुनर्जीवन देने के भागीरथ प्रयास हुए शुरू

पानी की कहानी - नीम नदी को पुनर्जीवन देने के भागीरथ प्रयास हुए शुरू

नीम नदी को उसके उद्गम स्थल पर पुनर्जीवित करने के पुनीत कार्य का बीड़ा नीर फाउंडेशन ने उठाया है और प्रकृति व पर्यावरण की अनूठी धरोहर नदियों ओ ...

पानी की कहानी - नर्मदा निर्मलता से जुड़े कुछ विचारणीय सुझाव

पानी की कहानी - नर्मदा निर्मलता से जुड़े कुछ विचारणीय सुझाव

नीति पहले, कार्ययोजना बाद मेंकिसी भी कार्ययोजना के निर्माण से पहले नीति बनानी चाहिए। नीतिगत तथ्य, एक तरह से स्पष्ट मार्गदर्शी सिद्धांत होते ...

पानी की कहानी - हिंडन नदी : एक परिचय

पानी की कहानी - हिंडन नदी : एक परिचय

कालुवाला खोल अर्थात हिण्डन नदी सहारनपुर जनपद में शिवालिक की पहाडियो कालुवाला पास से प्रारम्भ होती है । यह बरसाती नदी है । इसमे छोटी अन्य सहा...

Exhibition and Workshop on Urban Water System in Gurgaon: Pathways to Sustainable Transformation

Exhibition and Workshop on Urban Water System in Gurgaon: Pathways to Sustainable Transformation Event

As we all knows that big cities change rapidly, people moving into them can struggle for access to basic services like clean water and san...

नेशनल वाटर कांफ्रेंस एवं "रजत की बूँदें" नेशनल अवार्ड ऑनलाइन वेबिनार 26 जुलाई 2020

नेशनल वाटर कांफ्रेंस एवं "रजत की बूँदें" नेशनल अवार्ड ऑनलाइन वेबिनार 26 जुलाई 2020 Event

Enter the Article Here...

पानी की कहानी - लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए जारी है यमुना नदी से अवैध खनन

पानी की कहानी - लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए जारी है यमुना नदी से अवैध खनन

जहां एक ओर कोरोना और लॉक डाउन के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त सा हो गया है और लोगों के सामने स्वस्थ रहते हुए आजीविका चलाना सबसे बड़ी वरीयता बनकर र...

Acute Encephalitis Syndrome Reduction through Promotion of Environmental Sanitation and Safe Drinking Water Practices

Acute Encephalitis Syndrome Reduction through Promotion of Environmental Sanitation and Safe Drinking Water Practices

Abstract: Water management and safe sanitation play an important role in controlling vector borne diseases in the tropical countries like...

पचनदा बांध परियोजना - डैम प्रोजेक्ट पूरा होने से बीहड़ांचल को मिलेगा धार्मिक महत्त्व, बनेगा पर्यटन केंद्र

पचनदा बांध परियोजना - डैम प्रोजेक्ट पूरा होने से बीहड़ांचल को मिलेगा धार्मिक महत्त्व, बनेगा पर्यटन केंद्र

भारत में नदियों का धार्मिक महत्त्व किसी से छिपा नहीं है, युगों से नदियों किनारे लगने वाले पौराणिक मेले, स्थापित मंदिर, मठ, आश्रम, तपस्थली आद...

पानी की कहानी - हिंडन को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एनजीटी ने शुरू किये प्रयास, पर्यावरण विशेषज्ञों ने जन सहभागिता को बताया अहम

पानी की कहानी - हिंडन को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एनजीटी ने शुरू किये प्रयास, पर्यावरण विशेषज्ञों ने जन सहभागिता को बताया अहम

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने हिंडन नदी के साथ साथ काली नदी को भी स्वच्छ बनाने की कवायद शुरू की है. मेरठ में कमीश्नर के रूप में कार्य करते हुए...

मनियारी नदी - शहर भर के कचरे का डंपिंग स्टेशन बनती एक सदानीरा नदी की कहानी

मनियारी नदी - शहर भर के कचरे का डंपिंग स्टेशन बनती एक सदानीरा नदी की कहानी

"जल है तो कल है", जाने किंतनी बार हम सभी ने ये पंक्तियां सुनी हैं. गाहे-बगाहे पर्यावरण प्रेमी, जल संरक्षण संस्थाओं, सामाजिक-राजनीतिक व्यक्ति...

पानी की कहानी - कचरा डंपिंग ने भूगर्भीय जल को बना दिया विषैला, सरकार को नियम बनाने में लग गए 49 साल

पानी की कहानी - कचरा डंपिंग ने भूगर्भीय जल को बना दिया विषैला, सरकार को नियम बनाने में लग गए 49 साल

"घैला के पास से लिए गए पानी के नमूनों की जाँच करने पर उनमें लेड और क्रोमियम जैसे विषैले हैवी मेटल्स मिले हैं. साथ ही जिंक, कॉपर, आयरन, निकेल...

खारुन नदी - जहरीली होती जा रही है रायपुर की जीवन रेखा खारुन नदी, समय रहते संरक्षण जरुरी

खारुन नदी - जहरीली होती जा रही है रायपुर की जीवन रेखा खारुन नदी, समय रहते संरक्षण जरुरी

छत्तीसगढ़ के रायपुर में युगों से बहने वाली "खारुन नदी" शहर के लगभग 15 लाख लोगों के लिए जल और जीवन का स्त्रोत है. "रायपुर में "खारुन महतारी" क...

पहुज नदी - धीरे धीरे मर रही एक प्राचीन नदी की कहानी

पहुज नदी - धीरे धीरे मर रही एक प्राचीन नदी की कहानी

सनातनी धार्मिक ग्रन्थों में पुष्पावती के नाम से जानी जाने वाली "पहुज नदी" यमुना की सहायक काली सिंध नदी की सहायक मानी जाती है. बुंदेलखंड वासि...

कंडवा नदी – समाज और प्रशासन की अवहेलना झेल रही कंडवा की कब बदलेगी तस्वीर?

कंडवा नदी – समाज और प्रशासन की अवहेलना झेल रही कंडवा की कब बदलेगी तस्वीर?

लखीमपुर खीरी को छोटी काशी की उपाधि दी जाती है, जिसका सबसे बड़ा कारण यहां उपस्थित सरिताएं और उनके तटों पर सुशोभित मंदिर एवं आश्रम हैं. गोमती, ...

उल्ल नदी - औद्योगिक प्रदूषण, सीवेज और अवैध अतिक्रमण से जूझ रही है शारदा की यह सहायक

उल्ल नदी - औद्योगिक प्रदूषण, सीवेज और अवैध अतिक्रमण से जूझ रही है शारदा की यह सहायक

हिमालय की तलहटी में बसा पीलीभीत जिला अपनी सघन वन संपदा, जैविक विविधता और जल संग्रहण क्षेत्र के लिए जाना जाता है. दलदली भूमि होने के चलते यहा...

कठिना नदी - विभिन्न स्थानों पर सूख गयी है गोमती की यह प्रमुख सहायक

कठिना नदी - विभिन्न स्थानों पर सूख गयी है गोमती की यह प्रमुख सहायक

मानवीय शरीर में धमनियां रक्त संचरण करती हैं और हृदय को पोषित करते हुए समस्त शरीर की कार्यप्रणाली को सुचारू बनाये रखने में अहम भूमिका निभाती ...

पानी की कहानी - बिहार जल प्रदूषण के बीच हर घर शुद्ध जल के सरकारी दावों की योजना

पानी की कहानी - बिहार जल प्रदूषण के बीच हर घर शुद्ध जल के सरकारी दावों की योजना

बिहार के उप मुख्यमन्त्री श्री सुशील कुमार मोदी ने हाल ही में इंडियन वाटर वर्कर्स एसोसिएशन के 52वें वार्षिक सम्मेलन के समापन समारोह को सम्बोध...

अरवरी नदी - सामुदायिक संकल्पों से पुनर्जीवित हुयी एक मृत नदी की कहानी

अरवरी नदी - सामुदायिक संकल्पों से पुनर्जीवित हुयी एक मृत नदी की कहानी

नदियां हमारे जनजीवन से जुड़ा वह अहम आधार हैं, जिनके बिना जीने की हम कल्पना भी नहीं कर सकते. सनातनी संस्कृति में नदियों को मां मानकर पूजे जाने...

पानी की कहानी - गंगा संरक्षण आवश्यक, फिर गंगा बेसिन की सहायकों, जलाशयों, भूगर्भीय जल स्त्रोतों की अनदेखी क्यों?

पानी की कहानी - गंगा संरक्षण आवश्यक, फिर गंगा बेसिन की सहायकों, जलाशयों, भूगर्भीय जल स्त्रोतों की अनदेखी क्यों?

भारत की आधी से अधिक जनसंख्या का पालन पोषण एक मां के समान करती है गंगा. प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष..हर देशवासी कहीं न कहीं इसी गंगत्त्व से जुड़...

पानी की कहानी - अटल भूजल योजना के जरिये घर घर पानी पहुँचाने का मोदी सरकार का मिशन

पानी की कहानी - अटल भूजल योजना के जरिये घर घर पानी पहुँचाने का मोदी सरकार का मिशन

पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती के अवसर पर सरकार ने उन्हें श्रृद्धा अर्पित करने के लिए दो अहम योजनाओं का प्रारम्भ कि...

पानी की कहानी - गाज़ियबाद में हिंडन को स्वच्छ करने का अभियान, नालों के पानी को साफ़ करने के लिए बनेगा ट्रीटमेंट प्लांट

पानी की कहानी - गाज़ियबाद में हिंडन को स्वच्छ करने का अभियान, नालों के पानी को साफ़ करने के लिए बनेगा ट्रीटमेंट प्लांट

हिंडन को प्रदुषण मुक्त बनाने के लिए गाज़ियाबाद नगर निगम नया सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की तैयारी कर रहा है. गौरतलब है कि गाज़ियाबाद में शहरी ...

दाहा नदी - लुप्त होने की कगार पर है सीवान जिले की जीवनरेखा, संरक्षण के प्रयास जरुरी

दाहा नदी - लुप्त होने की कगार पर है सीवान जिले की जीवनरेखा, संरक्षण के प्रयास जरुरी

विगत तीन दशकों से प्रदूषण की मार झेल रही बाणेश्वरी यानि दाहा नदी की कहानी भी देश की बहुत सी छोटी नदियों की ही तरह है, जो कभी अपनी अविरल प्रव...

फल्गु नदी - अतिक्रमण और प्रदूषण की मार झेल रही है आस्था की प्रतीक रही फल्गु नदी

फल्गु नदी - अतिक्रमण और प्रदूषण की मार झेल रही है आस्था की प्रतीक रही फल्गु नदी

ऐतिहासिक फल्गु नदी, जो हिन्दुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बनकर पवित्र गया नगरी में बहती है, आज प्रदूषण और अतिक्रमण के चलते पूरी तरह सूख ...

भैंसी नदी -  विगत एक दशक से सूखी पड़ी है गोमती की यह सहायक

भैंसी नदी - विगत एक दशक से सूखी पड़ी है गोमती की यह सहायक

नदियां, जो महज पानी ढोने वाला मार्ग ही नहीं हैं, बल्कि इनके किनारे समस्त इतिहास, समग्र विरासत और तहजीब के किस्से समाये होते हैं. ऋग्वेद के अ...

प्रदूषण कर रहा है हमारे वायु, आहार और जल को विषाक्त - माइक्रोफारेस्ट बनाकर धरती को दे सकते हैं पुनर्जीवन

प्रदूषण कर रहा है हमारे वायु, आहार और जल को विषाक्त - माइक्रोफारेस्ट बनाकर धरती को दे सकते हैं पुनर्जीवन

प्रदूषित पर्यावरण दुनिया के लिए समस्या बनता जा रहा है। इससे निपटने के लिए सरकारें नई-नई पॉलिसी ला रही हैं। जिसमें पौधरोपण, सिंगल यूज्ड प्लास...

पानी की कहानी - मर रही हैं हमारी बारहमासी नदियां, पारिस्थितिक और सांस्कृतिक संवर्धन जरुरी

पानी की कहानी - मर रही हैं हमारी बारहमासी नदियां, पारिस्थितिक और सांस्कृतिक संवर्धन जरुरी

मीठे पानी के पारिस्थितिकी तंत्र के साथ अत्यधिक छेड़खानी ने भारत की हर नदी के प्राकृतिक परिदृश्य, उसके स्वरूप और प्रवाह को प्रभावित किया है। प...

प्राकृतिक जल स्त्रोतों के लिए धीमा जहर है प्लास्टिक – समय रहते बचाव जरुरी

प्राकृतिक जल स्त्रोतों के लिए धीमा जहर है प्लास्टिक – समय रहते बचाव जरुरी

तमाम विश्व आज प्लास्टिक की मार से कराह रहा है। अमेरिका जैसा विकसित देश हो या भारत जैसा विकासशील सभी प्लास्टिक के उपयोग से बढ़ने वाली दुश्वार...

पानी की कहानी - गाज़ियाबाद, गौतमबुद्धनगर और सहारनपुर जिले बना रहे हैं हिंडन को बीमार

पानी की कहानी - गाज़ियाबाद, गौतमबुद्धनगर और सहारनपुर जिले बना रहे हैं हिंडन को बीमार

जिन जिलों को वर्षों से हिंडन अपने जल, जैविक विविधता से पोषित करती आ रही थी, आज वही जिले हिंडन की बदहाली के जिम्मेदार बने हुए हैं. हाल ही में...

पानी की कहानी- मानक से अधिक हो रहा कीटनाशक का इस्तेमाल, नाले के जहरीले पानी से 25 भैंसो की मौत

पानी की कहानी- मानक से अधिक हो रहा कीटनाशक का इस्तेमाल, नाले के जहरीले पानी से 25 भैंसो की मौत

दूषित पानी का जहर सिर्फ मनुष्यों को ही बीमार नहीं कर रहा बल्कि अब जानवर भी इसके शिकार हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चिनहट औद्य...

पानी की कहानी- यमुना के पश्चिमी तट के बाद पूर्वी तट का होगा सौन्दर्यीकरण

पानी की कहानी- यमुना के पश्चिमी तट के बाद पूर्वी तट का होगा सौन्दर्यीकरण

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा यमुना नदी के पश्चिमी तट का सफलतापूर्वक कायाकल्प कर दिया गया है. प्राधिकरण ने नदी के पूर्वी तट के सौन्...

पानी की कहानी - गायब हो रहा है गोमुख ग्लेशियर, खतरे में गंगा का अस्तित्व

पानी की कहानी - गायब हो रहा है गोमुख ग्लेशियर, खतरे में गंगा का अस्तित्व

भारत की प्रमुख व पवित्रतम मानी जाने वाली गंगा नदी एक तरफ जहां प्रदूषण का विकराल दंश झेल रही है, वहीं दूसरी ओर इसकी जलधारा को स्त्रोत देने वा...

पानी की कहानी - मनरेगा फंड से होगा नदियों का पुनर्रूद्धार

पानी की कहानी - मनरेगा फंड से होगा नदियों का पुनर्रूद्धार

पवित्र नदियों में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए केन्द्र सरकार के साथ ही उत्तर- प्रदेश सरकार द्वारा भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, हालांकि...

गगास नदी

गगास नदी

संक्षिप्त परिचय –उत्तराखण्ड की पहाड़ी नदियों में से एक गगास नदी राज्य में बहने वाली एक लघु जलधारा है. यह एक ऐसी नदी है, जिसका उद्गम दो स्थान...

विनोद नदी

विनोद नदी

संक्षिप्त परिचय –विनोद नदी उत्तर भारत की छोटी नदियों में से एक है. यह उत्तराखण्ड राज्य में प्रवाहित होती है. विनोद नदी एक पहाड़ी नदी है, जिस...

दामोदर नदी

दामोदर नदी

संक्षिप्त नदी –पश्चिमी भारत की नदियों में से एक दामोदर नदी एक छोटी जलधारा के रूप में बहती है. यह नदी मुख्यतः झारखंड व पश्चिम बंगाल राज्य के ...

सबरी नदी

सबरी नदी

संक्षिप्त परिचय –सबरी नदी दक्षिण – पश्चिमी भारत में बहने वाली प्रमुख नदियों में से एक है. नदी का उद्गम उड़ीसा राज्य में सिंकाराम की पहाड़ियो...

हसदो नदी

हसदो नदी

संक्षिप्त परिचय -हसदो नदी छत्तीसगढ़ राज्य में बहने वाली प्रमुख नदियों में से एक है. इसे ‘हसदेव’ नदी के नाम से भी जानते हैं. नदी का उद्गम कोर...

जानकारी

सबस्क्राइब करें

जल पर संकट सम्पूर्ण मानव प्रजाति, वर्षों पुरानी सभ्यता एवं संस्कृति पर भी एक विकट संकट है. जल संकट की समस्या को लेकर विभिन्न प्रकृति प्रेमी, पर्यावरणविद एवं सामाजिक कार्यकर्त्ता समस्याओं की जड़ तक जाकर उनके उचित समाधानों को खोजने और ज़मीनी स्तर पर उनके क्रियान्वन को दस्तावेज़ित करने का प्रयास इस पोर्टल के माध्यम से कर रहे हैं. कृपया हमसें जुड़े एवं प्रासंगिक अपडेट प्राप्त करने हेतु अपना नाम और ईमेल भरें. 

© पानी की कहानी Creative Commons License
All the Content is licensed under a Creative Commons Attribution 3.0 Unported License.
Terms  Privacy