बच्चे देश का सुनहरा भविष्य हैं, जिन्हें सुशिक्षित करना बेहद जरुरी है. 14 नवम्बर का दिन भारतवर्ष में “बाल दिवस” के रूप में मनाया जाता है, साथ ही यह दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है, बच्चों और गुलाब से उनका लगाव जगजाहिर था. वह अपनी अति व्यस्त दिनचर्या में से कुछ समय बच्चों के लिए जरुर निकालते थे और उनके इसी स्वाभाव के चलते बच्चे उन्हें प्रेम से चाचा नेहरु कहकर पुकारते थे.
वैसे तो विश्व भर में वर्ष 1925 से ही बाल दिवस मनाया जाने लगा था, परन्तु संयुक्त राष्ट्र संघ ने 20 नवम्बर, 1953 में इस दिन को मान्यता प्रदान की. वहीँ भारत में भी जहां पहले 20 नवम्बर को ही बाल दिवस मनाया जाता था लेकिन 27 मई, 1964 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के निधन के उपरांत सर्वसम्मति से निर्णय लेकर उनके जन्मदिवस को ही बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया. देश की आज़ादी के बाद पंडित नेहरु द्वारा बच्चों की शिक्षा, उनके अधिकारों और प्रगति के लिए बहुत से कार्य किये गए.
बाल दिवस मनाये जाने के मूल में छिपा उद्देश्य देश के भविष्य के निर्माण में बच्चों की भूमिका पर प्रकाश डालना है. आज बच्चों की बेहतर परवरिश और अच्छी शिक्षा उन्हें आने वाले कल का सभ्य. सुसंस्कृत और विकसित नागरिक बनाये रखने में सहायक सिद्ध होगी. बच्चे ही देश का भविष्य और विभिन्न पदों पर जिम्मेदारी संभालने वाले नागरिक बनेंगे. फिर वो नेता हो या अभिनेता, नौकरशाह अफसर हो या व्यापारी, सेना का अधिकारी हो, या किसी कंपनी का कर्मचारी, सभी स्थानों पर ये देश का कल बनकर बैठेंगे. चाचा नेहरू का भी यही मानना था कि बच्चों को प्रेमपूर्वक परवरिश और व्यवस्थित शिक्षा प्राप्त हो.
पर आज के संदर्भ में यदि हम बाल दिवस के मायने देखें, तो पाएंगे कि हमारी कथनी और करनी में कितना फर्क है. सरकार के रोक लगाने के बावजूद भी बच्चों को बाल मजदूरी की ओर धकेला जा रहा है, क्या गांव, क्या शहर...चंद रुपयों के लिए बच्चों का शोषण जारी है. हमारा लोभ और लालच ही देश के कल को बर्बाद कर रहा है. हमें चाहिए कि बच्चों की उचित देखरेख की जाये और उनके लिए समेकित शिक्षा की व्यवस्था की जाये क्योंकि किसी भी देश के लिए बच्चे सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नागरिक हैं. जब हम अपनी ओर से समाज के हर वर्ग से जुड़े बच्चों के कल्याण के लिए खड़े हो जायेंगे तो वास्तव में बाल दिवस को सार्थक माना जायेगा.