
गौरतलब है कि सुश्री सावित्रीबाई फुले बहराइच के हुसैनपुर मृदगी गांव में जन्मी हैं, उन्होंने इसी जिले से वंचितों के हित के लिए सामाजिक और राजनीतिक जीवन का आरंभ किया और आज बहराइच से सांसद के तौर पर दलितों के हित के लिए कार्य कर रही हैं. इसके साथ ही वह "नमो बुद्धाय जन सेवा समिति" के नाम से एक सामाजिक संगठन का क्रियान्वन भी कर रही हैं और स्वयं सादा जीवन जीते हुए बहराइच के गांव में एक छोटे से आश्रम में निवास करती हैं.
संसद में सुश्री सावित्रीबाई फुले से हुयी शिष्टाचार भेंट के बाद शिव प्रताप पवार ने बताया कि,
"बहन सावित्रीबाई फुले जी से मिलकर उनकी समाज कल्याण और देश हित की भावनाओं से अवगत हुआ और जाना कि निश्चित ही हर समाज को आज की तारीख में ऐसे नेताओं की आवश्यकता है जो किसी की चाटुकारिता नहीं बल्कि अपने समाज, देश को आगे बढ़ाने के लिए निस्वार्थ भाव से दिन-रात संकल्पित भाव से आगे बढ़ रहे हों."