26 नवम्बर का दिन भारत में "नेशनल मिल्क डे" के रूप में मनाया जाता है. आज ही के दिन वर्ष 1921 में श्री वर्गीज कुरियन का जन्म हुआ था, जिन्होंने भारत में दुग्ध क्रांति लाकर भारत को विश्व में सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बना दिया था. उन्होंने दूध के क्षेत्र में सहकारिता मॉडल को सफलतापूर्वक लागू करके गुजरात के आनंद से एक क्रांतिकारी परिवर्तन की शुरुआत की थी, जिसके कारण भारत को दूध की नदियाँ बहाने वाले देश का गौरव प्राप्त हुआ.
वर्गीज कुरियन का सबसे बड़ा सपना था कि देश दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनें और साथ ही किसानों की आमदनी बढे. इसी सपने को धरातल पर यथार्थ होते देखने के लिए उन्होंने वर्ष 1949 में कैरा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (KDCMPUL) के अध्यक्ष के अनुरोध पर डेयरी का काम संभाला और यहां सहकारिता के माध्यम से वृहद् मात्रा में दूध जमा होने लगा. विकास की एक ऐसी लहर आनंद में आई कि KDCMPUL को मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट लगाने का निर्णय लेना पड़ा.
डॉक्टर कुरियन को KDCMPUL नाम काफी बड़ा और कठिन लगता था, जिसके चलते उन्होंने इसे आसान बनाने के उद्देश्य से नाम में परिवर्तन लाना चाहा. जिस पर कर्मचारियों ने अमूल्य नाम सुझाया, जो बाद में अमूल के रूप में घर घर में लोकप्रिय हो गया. यदि देखा जाये तो भारत में आज़ादी के बाद परिवर्तन क्रांति की सबसे सफल कहानी अमूल की ही मानी जाती है.
वर्ष 1970 में भारत में बड़े पैमाने पर दूध उत्पादन के लिए ऑपरेशन फ्लड का संचालन शुरू हुआ और धीरे धीरे देश के सभी दुग्ध उत्पादक इलाके इसमें शामिल हो गए, देखते ही देखते भारत कुछ दशकों में ही सबसे बड़ा दूध उत्पादक बन गया. जबकि पहले देश दूध उत्पादन के मामले में विश्व सूची में 50वें नंबर पर आता था.
डॉक्टर वर्गीज कुरियन की कहानी हमें प्रेरणा देती है कि सहकारिता और एकजुटता से किये गए प्रयासों के नतीजे बेहद दूरगामी होते हैं. हमें बस दृढ निश्चय के साथ अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहना चाहिए. इन्हीं शब्दों के साथ आप सभी को देश में श्वेत क्रांति के जनक डॉक्टर वर्गीज कुरियन की जन्मजयन्ती की कोटि कोटि शुभकमानाएं.