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हिंडन नदी अपडेट – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय पर्यवरण गतिविधि बैठक में पानी बचाओ, पेड़ लगाओ, पॉलिथीन हटाओ का नारा गूंजा

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  • Raman Kant Raman Kant
  • Rakesh Prasad Rakesh Prasad
  • Deepika Chaudhary Deepika Chaudhary
  • September-23-2019
पर्यावरण संरक्षण के गंभीर मुद्दें को ध्यान में रखते हुए हाल ही में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तत्वावधान में अखिल भारतीय पर्यावरण गतिविधि की बैठक का संचालन किया गया, जिसमें “पानी बचाओ, पेड़ लगाओ, पॉलिथीन हटाओ” विषय पर मंत्रणा करने के उद्देश्य से 23 प्रान्तों के लगभग 250 प्रतिनिधि मौजूद रहे. आज जिस तरह ग्लोबल वार्मिंग के चलते पर्यावरण पर संकट के बदला मंडरा रहे हैं, ऐसे में बेहद जरूरी है कि हम व्यक्तिगत स्तर पर हर एक प्रयास करें जिससे पर्यावरण का स्वास्थ्य भी सुधार सके.


फतेहाबाद रोड स्थित पर्ल रिसोर्ट में हुई इस बैठक के अंतर्गत सभी मौजूदा अथितियों ने बदलते पर्यावरण को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए अपने अपने विचार रखे. जिनमें आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि


“आज ग्लोबल वार्मिंग के चलते हिमखंड पिघल रहे हैं, और नदियों में बाढें आ रही हैं. आज जहां एक ओर ग्लेशियर पिघलने से समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है तो वहीँ भूजल स्तर निरंतर गिरता चला जा रहा है. आज बाढ़ों के कारण महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में पर्यावरण संतुलन बिगड़ता जा रहा है और कुछ राज्य भूगर्भ जल की समाप्ति के चलते सूखे की चपेट में हैं. भूमिगत जल में प्रदूषण भी इतना अधिक बढ़ गया है कि कुछ स्थानों पर तो 90 फीसदी भूजल प्रयोग लायक भी नहीं है. अब समय है कि हमें अपनी उपभोगवाडी प्रवृति पर नियंत्रण लाना होगा और अपने स्वाभाव को पर्यावरण हित की ओर मुखर करना होगा.”


पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को व्यापक तौर पर संचालित करने और जागरूकता अभियान चलाने के संबंध में बल देते हुए डॉ. कृष्ण गोपाल ने अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए कहा,


“आज 60 फीसदी बीमारियां मात्र प्रदूषण के कारण हो रही हैं. जिससे रोकथाम के लिए सबसे बड़ा उपाय वृक्षारोपण है, आज हर व्यक्ति को अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का संकल्प लेना होगा और उन्हें कटने से रोकने के लिए भी प्रतिबद्धता से तैयार होना होगा.”


वहीँ बैठक के बाद हुई चर्चा में नीर फाउंडेशन के निदेशक, भूजल सेना के अध्यक्ष और हाल ही में नमामि गंगे के सदस्य चुने गए रमनकांत त्यागी ने बताया कि,


"पर्यावरण संरक्षण, जल संवर्धन और ग्रामीण विकास के लिए नीर फाउंडेशन हर स्तर पर प्रयासरत है और विगत 20 वर्षों से नदियों के संरक्षण की दिशा में कार्य जारी है. जिसके अंतर्गत सबसे बड़ी उपलब्धि यमुना की सहायक हिंडन का उद्गम स्त्रोत शिवालिक की पहाड़ियों में खोज निकालना रहा है और इसे पुनर्जीवित करने के तमाम प्रयास आज अनवरत जारी हैं. आज यमुना में अपना जल नहीं है, केवल सीवरेज और इंडस्ट्रियल वेस्ट ही यमुना में जा रहा है. ऐसे में जरूरी है कि इसकी प्रमुख सहायक नदियों को स्वच्छ बनाया जाये और उन्हें नवजीवन देकर यमुना को भी स्वच्छ किया जाये."

बैठक में विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों पर की गयी चर्चा


लगभग तीन सत्रों में चली इस बैठक के अंतर्गत सर्वप्रथम पूर्व सह सरकार्यवाह डॉ. गोपाल कृष्ण, अखिल भारतीय पर्यावरण गतिविधि के प्रमुख गोपाल आर्या और सह प्रमुख राकेश जैन के द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया. बैठक में की गयी चर्चा के अहम बिंदु इस प्रकार हैं..

  • 1. आयोजन में उपस्थित सभी प्रांत प्रतिनिधियों ने अपने प्रान्तों से जुडें पर्यावरण प्रयोग और अनुभव सभी के साथ साझा किये.
  • 2. पर्यावरण संरक्षण को लेकर दायित्व, कार्य योजना और संगठनात्मक कार्यों पर चर्चा की गयी. साथ ही सभी समस्याओं के समाधान हेती जिज्ञासा समाधान का प्रावधान भी रखा गया.
  • 3. पर्यावरण संरक्षण से सम्बन्धित कुछ पुस्तकों का भी विमोचन किया गया, जिनमें पर्यावरण एक आत्मोत्कर्ष, आयो पर्यावरण बचाएँ सहित अन्य कुछ पुस्तकें भी शामिल रही.
  • 4. पर्यावरण संरक्षण से संबंधित प्रमुख नीतियों के बेहतर क्रियान्वन, पॉलिथीन हटाकर उसके अन्य विकल्पों की ओर ध्यान देना इत्यादि मुद्दों पर भी गहन चर्चा की गयी.







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