संक्षिप्त परिचय –
दक्षिण के पठार से निकलने वाली रिहन्द नदी सोन नदी की प्रमुख सहायक नदियों व गंगा नदी की उप सहायक नदियों में से एक है, जिसका उद्गम छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले की अम्बिकापुर तहसील से होता है. इसे ‘रेहर’ नदी के नाम से भी जानते हैं तथा प्राचीन काल में रिहन्द को ‘रेणु’ नदी के कहकर भी संबोधित किया जाता था. रिहन्द नदी परियोजना भारत की प्रमुख नदी घाटी परियोजनाओं में से एक मानी जाती है. रिहन्द नदी मुख्यतः उत्तर- प्रदेश व छत्तीसगढ़ राज्य में बहती है तथा अपने सफ़र के अन्तिम पड़ाव में सोनभद्र (उ.प्र) में सोन नदी में समाहित हो जाती है.
प्रवाह क्षेत्र व सहायक नदियां –
सरगुजा जिले में मतिरिंगा की पहाड़ियों से निकलकर रिहन्द नदी उत्तर- प्रदेश राज्य की ओर बहती है तथा उ.प्र. के विभिन्न जिलों में बहते हुए सोनभद्र जिले में सोन नदी में जाकर मिल जाती है. सोन नदी की जलधारा के रूप में बहते हुए यह रामपुर जिले में गंगा नदी में समाहित हो जाती है. वहीं रिहन्द की प्रमुख सहायक नदियां मोहन व गोवरी नामक स्थानीय नदियां हैं, जो कि छत्तीसगढ़ में ही रिहन्द नदी में आकर मिल जाती हैं.
रिहन्द बांध –
भारतीय नदियों पर बनें प्रमुख बांधों में से एक रिहन्द बांध उत्तर- प्रदेश व मध्य- प्रदेश राज्य की सीमा पर रिहन्द नदी पर बना हुआ है. यह बांध रेनूकोट के समीप सोनभद्र के पिपरी नामक स्थान पर स्थित है. इस बांध पर ‘गोविन्द बल्लभ सागर पंत’ नामक जलाशय भी बना हुआ है, रिहन्द नदी के जल से बनने के कारण इसे ‘रेणु सागर’ भी कहते हैं.