संक्षिप्त परिचय –
राप्ती नदी उत्तर- प्रदेश में बहने वाली एक छोटी नदी है. जिसका उद्गम नेपाल में फैली हिमालय की धौलागिरी पर्वतश्रेणी के समीप से होता है. राप्ती नदी को ‘इरावती’ नदी के नाम से भी जानते हैं. यह घाघरा की सहायक नदी व गंगा की उप सहायक नदी है, जो कि उत्तर- प्रदेश के गोरखपुर जिले से कुछ दूरी पर घाघरा नदी से मिल जाती है. रोहिणी नदी राप्ती की प्रमुख सहायक नदी है. इसके अलावा इसकी एक धारा को बूढ़ी गंडक नदी के नाम से भी जानते हैं.
ऐतिहासिक महत्व –
प्राचीन राप्ती नदी बुद्धकालीन इतिहास की प्रमुख नदियों में से एक है, जिसका बुद्धचरित में वर्णन देखने को मिलता है. इसके आधार पर गौतम बुद्ध ने जिस हिरण्यवती नदी में स्नान किया था, वह राप्ती नदी की ही एक धारा थी.
प्रवाह क्षेत्र –
नेपाल के हिमनदों से निकलने वाली राप्ती नदी मख्यतः उत्तर- प्रदेश राज्य की सीमा के अंदर ही प्रवाहित होती है. यह नदी पूर्वी उ.प्र. के गोंडा, बहराइच, बस्ती, गोरखपुर व देवरिया जिलों से होकर गुजरती है. देवरिया जिले में बरहज नामक स्थान के करीब राप्ती नदी का घाघरा में संगम हो जाता है. घाघरा नदी अंत में बिहार के बलिया व छपरा जिले के बीच गंगा नदी में समाहित हो जाती है.
यह नदी अपने प्रवाह क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इलाकों में कृषि व सिंचाई के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, किन्तु वर्तमान में इस नदी का जल भी निरंतर दूषित हो रहा है.