संक्षिप्त परिचय –
केरल की सबसे लम्बी नदी के रूप में जानी जाने वाली पेरियार नदी दक्षिण भारत की प्रमुख नदियों में से एक है. पेरियार का तमिल भाषा में अर्थ ‘बड़ी नदी’ है. जिसका उद्गम पश्चिमी घाट के सुन्दरमला नामक स्थान पर ‘शिवगिरी’ की पहाड़ियों से होता है. यह नदी प्रमुख रूप से केरल व तमिलनाडु राज्य में प्रवाहित होती है. साथ ही केरल में जलस्त्रोत व कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देती है. राज्य की ज्यादातर आबादी प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से नदी पर आश्रित है. आखिर में अरब सागर में विलीन होने के साथ ही पेरियार नदी के सफ़र का अंत हो जाता है.
प्रवाह क्षेत्र –
लगभग 244 कि.मी. के सफ़र में पेरियार नदी शिवगिरी की पहाड़ियों से निकलने के बाद केरल के कई जिलों में प्रवाहित होती है. साथ ही राज्य के बड़े भूभाग को सिंचित व उपजाऊ भी बनाती है. केरल के अलावा पेरियार नदी तमिलनाडु के भी कुछ क्षेत्रों में बहती है. जहां से आगे बढ़ते हुए यह नदी अरब सागर में मिल जाती है तथा अपनी अविरल यात्रा का समापन करती है. इस दौरान कई स्थानीय नदियां पेरियार नदी में आकर मिलती हैं.
महत्व –
केरल की जीवनरेखा मानी जाने वाली पेरियार नदी कृषि, सिंचाई, पेयजल से लेकर विद्युत उत्पादन व आर्थिक विकास तक राज्य में अहम भूमिका निभाती है. केरल का प्रसिद्ध ‘इडुक्की’ बांध इसी नदी पर बना हुआ है. वहीं नदी पर स्थित ‘पेरियार जलविद्युत परियोजना’ पर बड़े पैमाने पर विद्युत का उत्पादन किया जाता है. इसके अलावा नदी के किनारे पर स्थित ‘पेरियार राष्ट्रीय उद्यान’ राज्य के प्रसिद्ध वन्यजीव अभ्यारण्य में से एक है.