संक्षिप्त परिचय –
गोमती नदी गंगा की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है. नदी का उद्गम पीलीभीत जिले के माधोटान्डा नामक कस्बे में स्थित ‘गोमत ताल’ से होता है. गोमत ताल से निकलने के कारण ही इसे ‘गोमती’ कहकर संबोधित करते हैं. गोमती नदी उत्तर- प्रदेश राज्य के विभिन्न जिलों के साथ ही गुजरात में भी बहती है. अंत में वाराणसी जिले से कुछ दूरी पर यह गंगा नदी में मिल जाती है. इसके अलावा चार धामों में से एक द्वारकाधीश मंदिर गुजरात में इसी नदी के तट पर बना हुआ है.
पौराणिक महत्व –
ऐतिहासिक व पौराणिक रूप से अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली गोमती नदी को श्रीमद्भागवत में पवित्र व मोक्षदायिनी माना गया है. इसके अलावा पुराणों के आधार पर गोमती नदी को वशिष्ठ ऋषि की पुत्री कहा जाता है. हिन्दु मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने रावण का वध करने के बाद ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए वशिष्ठ मुनि के कहने पर गोमती नदी में स्नान किया था. इसी कारण उ.प्र. में इस नदी को अत्यन्त पवित्र व पूजनीय माना जाता है.
प्रवाह क्षेत्र व सहायक नदियां –
गोमत ताल से एक छोटी जलधारा के रूप में अपनी यात्रा की शुरूआत करने वाली गोमती नदी उत्तर- प्रदेश के शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी जौनपुर, सुल्तानपुर आदि प्रमुख जिलों में अपनी जलधारा को प्रवाहित करती है. इसका प्रवाह क्षेत्र उत्तर- प्रदेश तक ही सीमित है. वहीं यह नदी जौनपुर को सुल्तानपुर जिले से अलग करती है. अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव में वाराणसी जिले के निकट कैथी में गोमती नदी का गंगा में संगम हो जाता है.
गैहाई नदी गोमती की प्रथम सहायक नदी है, जो कि गोमती के मार्ग में सबसे पहले इसमें मिलती है. इसके बाद लखीमपुर खीरी में गोमती नदी में छोहा, सुखेता व कठिना, जौनपुर में सई तथा सीतापुर में कथना व सरायाना नामक नदियां आकर मिलती है. जिसके बाद नदी की स्वरूप और विस्तृत हो जाता है तथा इसी स्वरूप के साथ गोमती नदी आगे के जिलों में बहते हुए गंगा में मिल जाती है.
हिन्दू- मुस्लिम एकता की प्रतीक –
पवित्र गोमती नदी के किनारों पर कई हिन्दू पर्यटन स्थलों के साथ ही प्राचीन मस्जिदें भी बनी हुई हैं, जिस कारण इसे हिन्दू- मुस्लिम एकता की प्रतीक के रूप में मानते हैं. इसके अंतर्गत गंगा और गोमती के संगम स्थल पर प्रसिद्ध ‘मार्कण्डेय महादेव’ का मंदिर बना हुआ है, यह मंदिर क्षेत्र की आस्था का केन्द्र है.
वहीं जिस स्थान पर भगवान श्रीराम ने गोमती नदी में स्नान किया था, वह सुल्तानपुर में ‘धोपाप’ के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा इस नदी के तटों पर गौघाट, मेंहदी घाट जैसे कई घाटों के साथ ही कई मस्जिदें भी स्थित हैं. इसके अलावा लखनऊ में इस नदी के तट पर बना ‘गोमती रिवर फ्रंट पार्क’ राजधानी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है.