संक्षिप्त परिचय –
तीन देशों की सीमाओं में बहने वाली घाघरा नदी एक अंतरराष्ट्रीय नदी है, जो कि तिब्बत, चीन व भारत के विभिन्न क्षेत्रों में प्रवाहित होती है. इस नदी को करनाली नाम से भी जाना जाता है. घाघरा नदी तिब्बत से निकलती है तथा नदी का मूल उद्गम स्त्रोत तिब्बत के पठार पर स्थित हिमालय की मापचांचुगों नामक पर्वत श्रेणी से माना जाता है. यह गंगा की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है. भारत में बिहार के बलिया व छपरा जिले के बीच गंगा में समाहित होते ही घाघरा नदी के सफ़र का अंत हो जाता है.
सहायक नदियां –
घाघरा की बहुराष्ट्रीय यात्रा के दौरान कई छोटी- छोटी नदियां इस नदी में आकर विलीन हो जाती हैं. करनाली के रूप में बहते हुए इस नदी में बेरी, सेती व टीला नामक पहाड़ी नदियां मिलती हैं. वहीं अयोध्या तथा आस- पास के क्षेत्रों में इस नदी को सरयू के नाम से भी जाना जाता है.
प्रवाह क्षेत्र –
पहाड़ों पर करनाली के नाम से संबोधित की जाने वाली यह नदी तिब्बत के घाटियों से निकलने के बाद नेपाल में प्रवेश करती है तथा नेपाल के विभिन्न भूभागों में बहते हुए यह भारत की सीमा की ओर अपना सफ़र तय करती है. भारत में यह नदी बिहार व उत्तर- प्रदेश राज्य के माध्यम से प्रवेश करती है.
उ.प्र. में घाघरा नदी सीतापुर, अयोध्या, फैजाबाद, गोंडा, बहराइच आदि जिलों में बहती है. अयोध्या में यह नदी सरयू में मिलती है, वहीं गोरखपुर के करीब घाघरा नदी का गंडक व ताप्ती नदियों से संगम होता है. अंत में बिहार राज्य में बहते हुए बलिया व छपरा जिले के बीच यह नदी गंगा में समाहित हो जाती है.