संक्षिप्त परिचय –
सिंधु नदी की सहायक नदियों में से एक चिनाब नदी उत्तर भारत में बहने वाली एक प्रमुख नदी है. भारत के अलावा यह नदी पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी बहती है. चिनाब नदी का उद्गम हिमाचल प्रदेश के लाहौल जिले में स्थित लारा दर्रे से होता है. चिनाब नदी की उत्पत्ति चंद्र एवं भागा नदियों के संगम से होती है, जिस कारण इस नदी को ‘चंद्रभागा’ कहकर भी संबोधित करते हैं. दोनों नदियों का संगम हिमालय के टांडी में होता है, जिसे चिनाब का मूल उद्गम स्त्रोत मानते हैं. यह नदी पाकिस्तान में सिंधु नदी से मिलती है, सिंधु में मिलने से पहले इसका संगम झेलम नदी से होता है. रावी नदी चिनाब की प्रमुख सहायक नदी है.
ऐतिहासिक महत्व –
महाभारत, श्रीमद्भागवत, विष्णुपुराण आदि पवित्र ग्रंथों में उल्लिखित चिनाब नदी उत्तर भारत की एक प्राचीन एवं ऐतिहासिक नदी है. जिसे प्राचीन काल में असिन्की नाम से जाना जाता था.
प्रवाह क्षेत्र –
टांडी में चंद्र एवं भागा नदियों के संगम से उत्पन्न जलधारा ‘चिनाब’ के रूप में आगे बढ़ती है. भारत में यह नदी हिमाचल प्रदेश, पंजाब से होते हुए जम्मू- कश्मीर राज्य में प्रवाहित होती है, जहां से यह सीमा पार करते हुए पाकिस्तान में प्रवेश करती है. पाकिस्तान के झांग जिले के त्रिमू में चिनाब झेलम नदी में जाकर मिलती है, दोनों नदियों की संयुक्त जलधारा आगे चलकर सिंधु नदी में समाहित हो जाती है.
पुल व बांध –
कटरा- बनिहाल रेल खंड के बीच चिनाब नदी पर बना रेल पुल विश्व के सबसे ऊंचे पुलों में शामिल है, जो कि भारत का सबसे बड़ा रेलवे प्रोजेक्ट होने के साथ ही दुनिया का सबसे ऊंचा आर्च ब्रिज है. इस पुल की ऊंचाई विश्वप्रसिद्ध एफिल टॉवर और कुतुबमीनार से भी काफी अधिक है. इसके अलावा चिनाब नदी पर दुलहस्ती व सलाल नामक बांध भी बने हुए हैं.