संक्षिप्त परिचय –
सई नदी उत्तर प्रदेश में बहने वाली प्रमुख नदियों में से एक है. यह गोमती नदी की प्रमुख सहायक नदी व गंगा की उप सहायक नदी है. सई नदी का उद्गम हरदोई जिले में स्थित भिजवान नामक झील से माना जाता है. जहां से यह एक छोटी जलधारा के रूप में निकलती है. इसके बाद उ.प्र के विभिन्न राज्यों में बहते हुए जौनपुर में गोमती नदी से मिल जाती है. सई नदी का हिन्दू ग्रंथ रामायण में भी उल्लेख किया गया है. वर्तमान में इसके प्रवाह क्षेत्र में पड़ने वाले जिलों की औद्योगिक गंदगी के कारण सई नदी बड़े स्तर पर प्रदूषण से पीड़ित है.
सहायक नदियां –
सई नदी की प्रमुख सहायक नदियां बकुलाही, लोनी व सकरनी नदी हैं, जो कि प्रतापगढ़ में सई नदी में मिलती हैं. वहीं इसकी यात्रा के दौरान रायबरेली में इसमें कई अन्य छोटी- छोटी नदियां महाराजगंज नैया, शोभ, बसदा, कतवारा नदी आदि आकर समाहित हो जाती है.
सई का सफ़र –
सई नदी उत्तर – प्रदेश के हरदोई जिले से अपने सफ़र की शुरूआत करती है. इसके बाद यह सूबे के अन्य प्रमुख जिलों लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव और प्रतापगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में प्रवाहित होते जौनपुर में प्रवेश करती है.
जौनपुर के राजघाट नामक स्थान पर सई नदी का गोमती नदी से संगम होता है, जिसकी संयुक्त जलधाराएं आगे चलकर वाराणसी के पास में गंगा नदी से मिल जाती हैं. किन्तु हरदोई, रायबरेली, प्रतापगढ़ और जौनपुर से गुजरने के दौरान इस नदी में कई नाले व अपशिष्ट गिरते हैं, जिससे नदी के जल की स्थिति दिन- प्रतिदिन गंभीर हो रही है.